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________________ ക ST: श्रुतज्ञान भक्तिनो लाभ लेनारा महानुभावोनी शुभ नामावली पूज्यपाद प्रशान्तमूर्ति पट्टप्रभावक आचार्य भगवंत श्रीमत् कीर्तिसागर सूरीश्वरजीना शिष्यरत्न पूज्यपाद प्रशान्तमूर्ति अनुयोगाचार्य श्रीमद् महोदयसागरजी गणिवर्य महाराजना सदुपदेशथी नाम १२५०) श्री अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मंडळ ११०१) श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैनसंघ देरासरनी पेढीना ज्ञान खातेथी विजापुर. (१००) श्री सागरगच्छ कमिटी पेढीना संघ तरफथी हा. महेता रसिकलाल केशवलाल शेठ साणंद. ५००) श्री प्रांतिज जैन श्वे. मू. संघ हा. शेठ श्री रतिलाल केशवलाल प्रांतिज. २९५०) शेठ श्री मानचंदभाई दीपचंदभाई लींबोद्रावाळा पूना. २५०) श्री शाहपुर पांच पोळ जैन श्वे. मू. संघ अमदावाद. २५०) श्री जैन सोसायटी संघ हा. शेठ श्री सुमतिभाई अमदावाद. समौ. (१५०) श्री समौ जै. श्वे. मू. संघ १११) नगर शेठ मणिलाल मोहनलाल Jain Education International हा. शा छगनलालभाई विजापुर. १०१) विजय देवसूर गच्छ उपाश्रय तरफधी विजापुर. १०१) दोशी सकरचंद छगनलाल १०९) शाह नगीनदास गोकुळदास चोकसी १०९) शाह शांतिलाल मोतिलाल चोकसी १०१) शाह कांतिलाल घेलाभाई १०१) शाह विनयचंद जगजीवनदास (♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡ For Private & Personal Use Only मुंबई गाम "" " "" 99 ♡♡♡♡♡) www.jainelibrary.org
SR No.001703
Book TitleJain Mahavira Gita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagar
PublisherShrimad Buddhisagar Sahitya Prakashan Granthamala Ahmedabad
Publication Year
Total Pages308
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Principle, & Sermon
File Size18 MB
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