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________________ ५१२ केनोपनिषद् कौटलीय अर्थशास्त्र कासमोलाजी ओल्ड एण्ड न्यू कान्टस् सिलेक्शन कन्टेम्पररीर एथिकल थ्योरीज खुद्दक पाठ श्रीमद्भगवदगीता गीता (शांकर भाष्य ) गीता (रामानुज भाष्य ) गोम्मटसार गोम्मटसार श्रीमद्भगवदगीतारहस्य गीता गणधरवाद जैन, बौद्ध और गोता के आचार दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन ए० एन० उपाध्ये, रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अगास १९६० ई० संस्कृति संस्थान, बरेली (१०८ उपनिषदें) गुप्ता प्रेस, मुजफ्फरपुर-सं० २०१० जी० आर० जैन, जे० एल० जेनी ट्रस्ट, इन्दौर - १९४२ ई० माडर्न स्टूडेन्ट लायब्र ेरी थामस इंग्लिश हिल, मेकमिलन कंपनी, न्यूयार्क - १९६० धर्म रत्न, महाबोधि सभा, सारनाथ गीता प्रेस, गोरखपुर गीता प्रेस, गोरखपुर - सं० २०१८ गीता प्रेस, गोरखपुर - सं० २००८ आचार्य नेमिचन्द्र, श्री परस श्रुत प्रभावक श्रीमद् राजचन्द्र जैन, शास्त्रमाला आगास सं० २०१६ गौतम बुद्ध ग्रेट ट्रेडीशन्स इन इथिक्स चार्वाक दर्शन की शास्त्रीय समीक्षा चूलनिस पालि चर्पटपंजरिकास्तोत्र छान्दोग्योपनिषद् जाबालोपनिषद् जातिभेद और बुद्ध जीवन की आध्यात्मिक दृष्टि Jain Education International तिलक बाल गंगाधर, तिलक मंदिर, पूना १९६२ ई० डब्ल्यू ० डी० पी० हिल आक्सफोर्ड - १९५३ ई० जिनभद्र, सम्पादक- पं० दलसुखभाई मालवणिया, गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद - १९५२ ई० आदन्द के०कुमार स्वामी एवं आई० बी० हानर सूचना प्रकाशन विभाग, देहली अल्बर्ट यूरेशिया, पब्लिशिंग, न्यू देहली सर्वानन्द पाठक, चौखम्बा, वाराणसी भिक्षु जगदीश, नव नालंदा संस्करण शंकराचार्य, देखिए - स्तोत्र रत्नावली, गीता प्रेस २०२२ गीता प्रेस, गोरखपुर संस्कृति संस्थान बरेली, देखिए - १०८ उपनिषदें भिक्षु धर्मरक्षित महाबोधि सभा, सारनाथ राधाकृष्णन्, अनु० कृष्णचन्द्र, राजकमल प्रकाशन, देहली - १९६२ ई० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001675
Book TitleJain Bauddh aur Gita ke Achar Darshano ka Tulnatmak Adhyayana Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages562
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size10 MB
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