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________________ दशर्वकालिक दशकालिक निर्युक्ति दर्शन पाहुड दर्शन और चिन्तन दर्शन दिग्दर्शन राहुल सांकृत्यायन, किताब महल, इलाहाबाद १९४७ ई० नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, देहली १९५६ ई० एच० एस० रशडाल, आक्सफोर्ड १९०७ ई० ए० सी० मुकर्जी, इण्डियन प्रेस, इलाहाबाद सं० - भिक्षु जगदीश काश्यप, नवनालन्दा महाविहार प्रो० एम० हरियन्ना, Kavyalaya Publishers, Mysore, 1952 दि भगवद्गीता एण्ड चेंजिंग वर्ल्ड नागराज राव दि बुद्धिस्ट फिलासफी आफ युनिवर्सल एस० मुकर्जी, University of Calcutta, 1935 द्रव्य संग्रह दि थ्योरी आफ गुड एण्ड इविल दि नेचर आफ सेल्फ दीघनिकाय दि क्वेस्ट आफटर परफेक्शन फलक्स दि एथिक्स आफ हिन्दूज जैन, बौद्ध और गीता के आचार दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन ( हिन्दी अनुवाद) स्था० जैन कान्फरेन्स बम्बई बम्बई सं० १९९३ ई० दि इलेमेन्ट्स आफ एथिक्स धम्मपद धम्मपद धर्म व्याख्या धर्म दर्शन धर्मशास्त्र का इतिहास, प्रथम भाग नयचक्र नयवाद नये संकेत Jain Education International कुन्दकुन्द, देखिए - अष्ट पाहुड पं० सुखलालजी, गुजरात विद्यासभा अहमदाबाद १९५७ ई० एस० के० मैत्र, कलकत्ता युनिवरसिटी प्रेस १९२५ ई० म्यूरहेड, लन्दन १९१० अनुवादक - राहुलजी, बुद्ध विहार, लखनऊ संस्कृत अनुवाद - हिन्दी अर्थ सहित इन्द्र देहली जवाहरलालजी महाराज, हितेच्छुक श्रावक मण्डल, रतलाम शुक्लचन्द्र जी महाराज, काशीराम स्मृति ग्रन्थमाला देहली १९५५ पाण्डुरंग वामन काणे, अनु० अर्जुन चौबे काश्यप, हिन्दी समिति सूचना विभाग उ० प्र० देवसेन सूरि मुनि फूलचंद जी श्रमण, सन्मति, ज्ञानपीठ आगरा १९५८ आचार्य रजनीश, जीवन जागृति केन्द्र, बम्बई १९६७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001674
Book TitleJain Bauddh aur Gita ke Achar Darshano ka Tulnatmak Adhyayana Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1987
Total Pages586
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size10 MB
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