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१. कषाय सिद्धान्त २. कषाय का अर्थ
३. कषाय की उत्पत्ति
४. कषाय के भेद
६. क्रोध
१०.
७. क्रोध के प्रकार
१. क्रोध / २. कोप | ३. दोष / ६. अक्षमा / ७. कलह / ८. विवाद ५०१ /
८. बौद्ध दर्शन में क्रोध के तीन प्रकार
१०. माया
९. मान (अहंकार)
१२, लोभ
१. अनन्तानुबन्धी क्रोध (तीव्रतम क्रोध) | २. प्रत्याख्यानी क्रोध ( तीव्रतर क्रोध ) / ३. अप्रत्याख्यानी क्रोध ( तीव्र क्रोध) / ४. संज्वलन क्रोध (अल्प क्रोध) ५०१ /
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मनोवृत्तियाँ ( कषाय एवं लेश्याएँ)
४. रोष / ५. संज्वलन / चण्डिक्य / ९. मंडन |
१. मान / २. मद / ३. दर्प / ४ स्तम्भ / ५ गर्व / ६. अत्युक्रोश / ७. परपरिवाद / ८. उत्कर्ष / ९. अपकर्ष / १०. उन्नतनाम / ११. उन्नत / १२. पुर्नाम ५०२ /
मान के प्रकार
११. माया के चार प्रकार
१. अनन्तानुबन्धी मान / २. प्रत्याख्यानी मान / ३. अप्रत्यायानी मान / ४. संज्वलन मान ५०२ /
१. माया / २. उपाधि / ३. निकृति / ४. वलय / ५. गहन / ६. नूम / ७. कल्क / ८. करूप / ९. निहृता / १०. किल्विषिक / ११. आदरणता / १२. गूहनता / १३. वंचकता / १४. प्रतिकुंचनता ५०२ / १५. सातियोग ५०३ /
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१. अनन्तानुबन्धा माया / २. अप्रत्याख्यानी माया / ३. प्रत्याख्यानी माया / ४. संज्वलन माया ५०३ /
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