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बन्धन से मुक्ति की ओर (संवर और निर्जरा) १. संवर का अर्थ
३८७ २. जैन परम्परा में संवर का वर्गीकरण
३८८ ३. बौद्ध दर्शन में संवर
३८९ ४. गीता का दृष्टिकोण ५. संयम और नैतिकता
१.खान-पान में संयम ३९३ / २. भोगों में संयम ३९४ |
३. वाणी का संयम ३९४ / ६. निर्जरा
३९५ द्रव्य और भाव निर्जरा ३९५ / सकाम और अकाम निर्जरा ३९५ / जैन साधना में औपक्रमिक निर्जरा का स्थान ३९६ /
औपक्रमिक निर्जरा के भेद ३९८ / ७. बोट आचार दर्शन और निर्जरा
३९८ ८. गीता का दृष्टिकोण
३९९ ९. निष्कर्ष
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