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बडले का दृष्टिकोण और जनदर्शन ६३ / ३. नैतिकता का निरपेक्ष पक्ष ४. उत्सर्ग और अपवाद ५. डिवी का दृष्टिकोण और जैन दर्शन ६. सापेक्ष नैतिकता और मनपरतावाद ७. सापेक्ष नैतिकता और अनेकान्तवाद ८. आदर्श व्यक्ति का आचार एवं मार्ग-निर्देश ही जनसाधारण के लिए
प्रमाणभूत ९. मार्गदर्शक के रूप में शास्त्र १०. निष्पक्ष बौद्धिक प्रज्ञा ही अन्तिम निर्णायक ११. नीति के सापेक्ष और निरपेक्ष तत्त्व
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नैतिक निर्णय का स्वरूप एवं विषय
१. नैतिक निर्णय का स्वरूप २. नैतिक निर्णय का कर्ता ३. हेतुवाद और फलवाद की समस्या ४. हेतु और फल के सम्बन्ध में जैन, बौद्ध तथा गीता का दृष्टिकोण ५. जैन दर्शनों में हेतुवाद और फलवाद का समन्वय
__ तुलना ८८ / मूल्यांकन ८९ / ६. नैतिक निर्णय के सन्दर्भ में पाश्चात्य विचारकों के दृष्टिकोण
मिल | कांट | मार्टिन्यू / मैकेंजी | ७. अभिप्राय और जैन दृष्टि ८. अभिप्रेरक और जैन दृष्टि ९. सङ्कल्प और जैन दृष्टि १०. चारित्र और नैतिक निर्णय
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