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________________ 11 १६ ॐ क्रो कुरवे नमः । ॐ ह्रीं नमः कुरवे, श्रीकुरुवीर ! श्री (240 देव-हेवी पूनम डोय मना नाम oen.) ।।३९३। आदिदेव-देवी० (Ausa पानी हेम) | Hair:- ॐ रं कुरुः संतर्पितोऽस्तु स्वाहा ॥११०।। १७ ॐ क्रॉ प्रियङ्कराय नमः । ॐ हीं नमः प्रियङ्कराय, श्रीप्रियङ्करवीर ! श्री (2u देव-हेवी पूनमi stय मन न otu.) आदिदेव-देवी० (Auी पानी हेम) । हमन:- ॐ रं प्रियङ्करः संतर्पितोऽस्तु स्वाहा ॥१११ ।। ष्ठा १८ ॐ क्रों प्रियमित्राय नमः । ॐ ह्रीं नमः प्रियमित्राय, श्रीप्रियमित्रवीर ! श्री (टेट4u ४१-४वी पूनम डोय तेम नम tru.) आदिदेव-देवी० (aud पानी भ) । मन:- ॐ रं प्रियमित्रः संतर्पितोऽस्तु स्वाहा ।।११२।। ।। १९ ॐ क्रों वह्नये नमः । ॐ ह्रीं नमो वह्नये, श्रीवह्निवीर ! श्री (2॥ ४१-४ी पू४i stu तेभनu ne atau.) अञ्जन-1 आदिदेव-देवी० (ALA udaa- ) । हाम :- ॐ रं वह्निः संतर्पितोऽस्तु स्वाहा ॥११३।। शलाका । २० ॐ क्रों कन्दर्पाय नमः । ॐ हीं नमः कन्दर्पाय, श्रीकन्दर्पवीर ! श्री (24u ४१-४वी पूनमi sोय तम नाम मो.) आदिदेव-देवी० (ALA पानी म) I हमा :- ॐ रं कन्दर्पः संतर्पितोऽस्तु स्वाहा ।।११४ ।। २१ ॐ क्रों हंसाय नमः । ॐ ह्रीं नमो हंसाय, श्रीहंसवीर ! श्री (2॥ १-४वी पूनमisीय तेमना नाम aru.) विधि आदिदेव-देवी० (Auी पडे सेम) होमन :- ॐ रं हंसः संतर्पितोऽस्तु स्वाहा ॥११५ ।। २२ ॐ क्रॉ एकजनाय नमः । ॐ ह्रीं नम एकजङ्घाय, श्रीएकजववीर ! श्री (240 व-हेवी ५४isोय तेमन नाम .) ल्प प्रति ३९३।। Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.001673
Book TitlePratishthakalpa Anjanshalaka Pratishthadividhi
Original Sutra AuthorSakalchandra Gani
AuthorSomchandravijay, Chandravijay Gani, Jineshchandravijay
PublisherRander Road Jain Sangh
Publication Year
Total Pages656
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Ritual_text, Ritual, Vidhi, & Devdravya
File Size16 MB
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