________________
जीवराज जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थ १६
ग्रन्थमाला संपादक प्रो. आ. ने. उपाध्ये व प्रो. हीरालाल जैन
श्री - भावसेन- त्रैविद्य - विरचित
विश्वतत्त्वप्रकाश
आलोचनात्मक प्रस्तावना, जैन तार्किक साहित्यनामक विस्तृत निबंध, टिप्पण, इत्यादि सहित प्रथमवार संपादित
संपादक
प्रा. विद्याधर जोहरापूरकर एम्. ए., पीएच. डी. संस्कृत प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय, जावरा (म. प्र. )
Jain Education International
प्रकाशक
गुलाबचन्द हिराचन्द दोशी जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापूर.
वीर नि. सं. २४९०]
9259
जीवराज जैन ग्रंथमाला सोलापूर रुपये. 20/
मूल
घ
[ विक्रम सं. २०२०
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org