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1410 : तत्त्वार्थ सूत्र : संवर व निर्जरा
समिति - • ईर्याभाषेषणादाननिक्षेपोत्सगी: समितयः ।।५।।
ईर्यासमिति, भाषासमिति, एषणासमिति, आदाननिक्षेपणासमिति तथा
उत्सर्गसमिति ये पाँच प्रकार की समितियाँ हैं। (५)
धर्म - • उत्तमः क्षमामार्दवार्जवशौचसत्यसंयमतपस्त्यागाकिञ्चन्यब्रह्मचर्याणि
धर्म: ।।६।।
उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शोच, सत्य, संयम, तप, त्याग,
आकिञ्चन्य व ब्रह्मचर्य - ये दस उत्तम धर्म या कर्तव्य हैं। (६)
अनुप्रेक्षा - • अनित्याशरणसंसारैकत्वान्यत्वाशुचित्तास्वसंवरनिर्जरालोकबोधिदुर्लभधर्मस्वाख्यातत्वानुचिन्तनमनुप्रेक्षाः ।।७।।
अनित्यता, अशरणता, संसारत्व, एकत्व, अन्यत्व, अशुचित्व, आम्नव,
संवर, निर्जरा, लोक, बोधिदुर्लभता, धर्म, और स्वाख्यातत्व का अनुचिन्तन करना अनुप्रेक्षा है। (७)
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