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राजस्थान प्राकृत भारती संस्थान, जयपुर
- अधावधि प्रकाशित ग्रन्थ
कल्पसूत्र सचित्र
राजस्थान का जैन साहित्य
प्राकृत स्वयं शिक्षक
आगम तीर्थ
स्मरण कला
ज़ैनागम दिग्दर्शन
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जैन कहानियाँ
8. जाति स्मरण ज्ञान
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10. गरगधरवाद
(मूल, हिन्दी एवं अंग्रेजी अनुवाद तथा 36 बहुरंगी चित्रों सहित )
सम्पादक एवं हिन्दी अनुवादक: महोपाध्याय विनयसागर; अंग्रेजी अनुवादकः डा० मुकुन्द लाठ (राजस्थानी विद्वानों द्वारा रचित प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, राजस्थानी, हिन्दी भाषा के ग्रंथों पर विविध विद्वानों के वैशिष्ट्य पूर्ण एवं सारगर्भित 36 लेखों का संग्रह) लेखक - डा० प्रेमसुमन जैन
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(प्रागमिक प्राकृत गाथाओं का हिन्दी पद्यानुवाद)
अनु० डा० हरिराम श्राचार्य
( अवधान कला सम्बन्धित पं० धीरजलाल टो० शाह लिखित गुजराती पुस्तक का हिन्दी अनुवाद) अनु० मोहन मुनि शार्दूल
(45 जैनागमो का संक्षिप्त परिचय) ले० डा० मुनि श्री नगराजजी
हाफ एल (अर्ध कथानक ) ( कवि बनारसीदास रचित स्वात्मकथा
ले उपाध्याय महेन्द्र मुनि
ले० उपाध्याय महेन्द्र मुनि
सजिल्द
सामान्य
अर्धकथानक का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद, आलोचनात्मक अध्ययन एवं रेखा चित्रों सहित ) सम्पादक एवं अनुवादकः डा० मुकुन्द लाठ
( दलसुखभाई मालवणिया लिखित गुजराती गणधरवाद का हिन्दी अनुवाद ) अनु० प्रो० पृथ्वीराज जैन
सम्पादक - महोपाध्याय विनयसागर
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