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________________ पृष्ठ ८५ परिशिष्ट ३ पारिभाषिक शब्दानुक्रमणिका १ इसमें एक तो संख्यावाची शब्दों का संग्रह नहीं किया गया है, दूसरे इसमें पारिभाषिक शब्द बारबार आये हैं, अतः उनका मात्र एक-दो या तीन बार निर्देश कर दिया गया है। तीसरे सब शब्द संस्कृत छाया रूपमें दिये गये हैं। शब्द पृष्ठ शब्द अपकर्षित अगाढ अपवर्तना १०३,१२७,१७३ अग्र ४८० अपसरण अग्रकृष्टि ४२९ ११,१२ अपसरणकाल अग्रस्थितिबन्ध ४५ अतिस्थापन अपूर्वकरण २१,२३,३५ अद्धाक्षय २७४ अपूर्वद्विक १७३ अधस्तनकृण्टि २४० अपूर्वस्पर्धक ३३,२३,७९,३९० अधःप्रवृत्त २१,३०,१४४ अपूर्वादिक वर्गणा ३८३ अध्वान ५५,६६,२१२ अयत अनन्तसुख ४९१ अल्पबहुत्व १२९,१४७,२९६ अनिवृत्ति ८१,१७६ अवर १६५ अनिवृत्ति अद्धा ९० अवरस्थिति १०२ अनिवृत्तिकरण २१,२३,८६ अवसान अनुकृष्टि अद्धा अवसानखण्ड ४८० अनुत्कीर्यमाण १७७ अवस्थित १४३,२७५ अनुदीर्णक ४८० अवहार अनुपदिष्ट अष्ट्रवक ३०,३७० अनुपम अश्वकर्ण ३७३ अनुभयग अहिगति ३५०,४२४ अनुभयगत १५२,१६२ आ अनुभयस्थान आगाल ६७,२१९,२६८ अनुभाग ३३३ आत्मसमुत्थ अनुभागसूक्ष्मकृष्टि २३५ आदिनिषेक अनुसमयापवर्तना ४९८ आदिम करणद्धा अन्तर आदिम निषेक ४१,१०७ अन्तरकरण आदिम सम्यक्त्व २५,७९ अन्तरकृष्टि ४०४,४३२. आदिम स्थिति अन्तर प्रथमस्थिति ४७३ आदोलकरण ३७०,३७६ अन्तर स्थिति ४७१ आनुपूर्वी संक्रमण २८०,२९४ अन्योन्याभ्यस्तराशि (स. टी.) १८५ आबाधा ४७,५२,६६ अन्तर प्रथम स्थिति आय ४२९ अन्तर स्थिति ४७१ आयतक्षेत्र ४३० ८८ १७९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001606
Book TitleLabdhisar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1980
Total Pages744
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Karma, & Samyaktva
File Size15 MB
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