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(64) :
Chapters on Passions
26.
पयडि-पयडिट्ठाणेसु संकमो असंकमो तहा दुविहो। दुविहो पडिग्गहविही दुविहो अपडिग्गहविही य।।
payadi-payaditthāņesu sarikamo asarkamo tahā duviho/
duviho padiggaha-vihi duviho apadiggaha-vihi yal/
प्रकृतिः प्रकृति-स्थानेषु संक्रमो असंक्रमो तथा द्विविधः ।
द्विविधा प्रतिग्रहविधिः द्विविधा अप्रतिग्रह-विधिश्च ।।
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