________________
अध्याय 11
11. प्रकृति-संक्रम : (अ) एक-एक प्रकृति संक्रम
24.
संकम-उवक्कमविही पंचविहो चउविहो य णिक्खेवो। णयविहि पयदं पयदे च णिग्गमो होइ अट्ठविहो।।
sankama-uvakkama-vihi panca-viho, cauvviho ya ņikkhevo/
nayavihi payadaṁ payade ca niggamo hoi athaviholl संक्रमण-उपक्रम-विधी पंचविधा, चतुर्विधो च निक्षेपो। नयविधिः प्रकृता प्रकृतेः च निर्गमो भवति अष्टविधः ।।
25.
एक्केक्काए संकमो दुविहो संकमविही य पयडीए। संकमपडिग्गहविही पडिग्गहो उत्तम-जहण्णो।।
ekkekkāye sankamo duviho sankamavihi ya payadiel
saikama-padiggaha-vihi padiggaho uttama-jahannol/ एकैकस्मिन्-संक्रमो द्विविधो संक्रम-विधिश्च प्रकृतेः । संक्रमण प्रतिग्रहविधिः प्रतिग्रहो उत्तम-जघन्यः ।।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org