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अध्याय 6
6 जघन्य अद्धा-परिमाण
आवलिय- अणायारे चक्खिंदिय-सोद -- घाण - जिभाए । मण-वयण - काय - पासे अवाय - ईहा - सुदुस्सासे ।।
āvaliya-anāyāre cakkhiñdiya-soda ghāna-jibbhae/ mana-vayana-kāya-pāse avāya-īhā-sudussāse// आवलिक – अनाकारे चक्षुरिंद्रिय श्रोत्र - घ्राण - जिह्वानां । मन-वचन-कायय - स्पर्श - अवाय - ईहा - श्वासोच्छ्वासानां ।
केवलदंसण - णाणे कसाय - सुक्केक्कए पुधत्ते य । पडिवादुवसामेंतय - खवेंत संपराए य । ।
kevala-dansaṇa-ṇāṇe kasāya-sukkekkaye pudhatte ya/
paḍivāduvasāmentaya khaventaye samṁparaye yall केवल-दर्शन-ज्ञाने कषाय - शुक्ल - एकैके - पृथक्त्वे च प्रतिपाति-उपशामके-क्षपके च संपराये च ।।
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