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1.
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174 174
आत्मानुष्ठाननिष्ठस्य कश्चिद्योगेन योगिनः दवाप्यते ध्यायेत् षट्कारक ध्यानात्
वावैतु
Page Line 1742 आत्मा 174 , कश्चि 174 . 17 दयाप्यते
ध्धायेत्
सत्कारक 174 23 ध्धानात् 1752 वानेतु 175
कर्मजिभ्यो 175
समधि 175 10 गुरुपदेषाः
Muthunam 179
Niyu 179
Viyu 179 12 rayu 184 1 स्पुरन्... 184 17 शुद्धो 188 17. स्वभावो 188 19 सुद्ध 190. 12 विधा 190 25 मसाथ 190 27. सक्यं 191 24 chapata
179
12
कर्मजेभ्यो समाधि गुरूपदेशः Muttunam Niya viya raya स्फुरन्मंत्रस्तदेवहि शुद्धोपयोग स्वभाव शुद्ध विद्या मासाद्य शक्यं chapala
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