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________________ (10) (8) पुत्र दांनमल्लजी सवाईरांमजी तत्पुत्र सामसिंघजी माणकचंद । सामसिंघ पुत्र रतनलाल। मगनीरामजी तत्पुत्र भभूतसिंघ तत्पुत्र 2. पूनमचंद दीपचंद । जोरावरमल्लजी तत्पुत्र 2 सुलतानमल्ल, चंनणमल्ल । सुलतानमल्ल पुत्र 2 गभीरचंद इन्द्रचंद । प्रतापचंदजी पुत्र 3 हिमतराम जेठमल्ल नथमल । हिमतराम पुत्र जीवण । जेठमल पुत्र मूलो, गुमानचंदजी पुत्र्यां 2 झबू बीजू, सवाईरामजी पुत्र्यां 3 सिरदारी सिणगारी नानूडी, मगनीरामजी तत्पुयां 2 हरकवर हसतू सपरिवार सहितः सिद्धाचलजीरो संघ कढायो जिणरी विगत-जेसलमेरु उदयपुर कोटे सुकुकुमपत्र्यां सर्व दे(12) सवरां में दीवी । च्यार 2 जीमण कीया नालेर दीया पछै संघ पाली भेलो हुवो उठै जीमण 4 कीया संघ तिलकरा संघतिलक मिति माह सुदि 13 दिने (13) भ० । श्री जिनमहेन्द्रसूरिजी श्री चतुर्विध संघ समक्षे दीयो पर्छ संघ प्रयाण कीयो मार्ग में देसना सुणतां पूजा पडिकमणादिक करतां सातें (14) क्षेत्रां में द्रव्य लगावतां जायगा 2 सामेलो हुतां रथजात्रा प्रमुख महोत्सव करतां श्री पंचतीर्थीजी बंभणवाडजी पाबूजी जिराव लोजी तारं(15) गोजी संखेसरोजी पंचासरोजी गिरनारजी तथा मार्ग में सहरां रा गांवां रा सर्व देहरा जहारथा इण भांत सर्व ठिकाणे मंदिर 2 दीठ चढापो कीयो (16) मुकुट कुडल हार कंठी भुजबंध कडा श्रीफल नगदी चंद्रवा पुठिया इत्यादिक मोटा तीर्थ माथे चढावतो घणो हुवो, गहणो सर्व जडाऊ हो, सर्व (17) ठिकाणे लाहण जीमण कीया । सहसावनरा पगथ्या कराया उठै सूसात कोस ठरै गांव सू श्री सिद्धगिरिजी मोल्यां सू बधाय. पालीतांणै बड़ा हंगाम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001596
Book TitleJain Inscriptions of Rajasthan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamvallabh Somani
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages350
LanguageEnglish
ClassificationBook_English, Art, & History
File Size17 MB
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