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Plate V
9. Being burnt by Rama, demon Kabandha regains human form and flies off.
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सतरा जनस्थानं मान्यं दशरथात्मजः॥ रहितां परा शा लांच सीताया घर मंडितां श्रष्ट्रात वैदेहीस निरीक्षच सर्वशः मां दीनोमुखेन परिय्यत कलन वैदेही कां दिशंवा प्रवाहिताय पर्वत संका शेरा मोचन राम की रामस्तम्पतुविज्ञाय सीतायाः संश्रितांक या राजे परिवज्यरुरोद महल दर मराज हत्तवान् शस्करं सुदुष्करंक में ऐसे निपातित हर्बिकल्पेन व संस् तस्तथाजगाम पांगतिमात्मनः शुभ बुलिने।
10. Inscription in nāgari characters from aranyakanda.
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101-3
Panjab
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