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________________ १६ श्रावकाचार -संग्रह रोहिणी, कोकिला पंचमी और कवलचन्द्रायण व्रतका विधान मेरु पंक्ति व्रतका विधान पल्लि व्रतका विधान रुक्मिणी व्रत और विमान पंति व्रतका विधान निर्जर-पंचमी, कर्म-निर्जरणी और आदित्य (रवि) व्रतका विधान कर्मचूर, अनस्तमित और पंचकल्याणक ब्रतका विधान गर्भकल्याणक, जन्मकल्याणक और तपकल्याणक तिथियोंका वर्णन ज्ञान कल्याणक और निर्वाण कल्याणक की तिथियोंका वर्णन व्रतोंके उद्यापन की विधिका विधान निर्वाण कल्याणकका वेला और लघु कल्याणक व्रतका विधान ग्रन्थकार की प्रशस्ति और अपनी लघुताका निरूपण क्रियाकोष वर्णित छन्दों की संख्याका प्रमाण अन्तिम मंगलाचरण बोलतराम कृत क्रियाकोष मंगलाचरण और क्रियाकोष को रचना का निर्देश अढाई द्वीप का वर्णन भरत क्षेत्र सम्बन्धी त्रेसठ सलाका आदि महापुरुषों का वर्णन त्रिकालवर्ती चौबीसी और विदेह सम्बन्धी बीस तीर्थंकरोंका स्मरण तत्वार्थसूत्र, सिद्धान्तग्रन्थ, समयसार, समाधितंत्र का स्मरण कर कुन्दकुन्द मुनि की वन्दना चतुर्विधसंघकी वन्दना श्रावककी त्रेपन क्रियाओंके वर्णनकी प्रतिज्ञा गाथोक त्रेपन क्रियाओंके नाम अष्ट मूल गुणों का वर्णन भक्ष्य वस्तुओंकी काल-मर्यादा द्विदलका वर्णन और उसके त्यागका उपदेश कच्चे दूध में एक अन्तर्मुहूर्तं पश्चात् असंख्य त्रस जीवोंकी उत्पत्तिका वर्णन दही और छांछकी मर्यादा प्राक जलकी मर्यादा बाजारू दही दूधके त्यागका उपदेश दही जमानेकी विधिका वर्णन चमड़े में रखी वस्तुओंके त्यागका उपदेश रसोई, परण्डा, चक्की आदि क्रियाओंका वर्णन मिट्टी के बर्तन में खान-पान करनेका निषेध हरी शाक आदिके सुखानेका निषेध Jain Education International For Private & Personal Use Only २२६ २२७ २२८ २२९ २३० २३१ २३२ २३३ २३४ २३५ २३७ २३८ २३८ २४०-३९७ २४० २४० २४१ "" २४२ 19 २४३ २४४ " २४६ २४७ २४८ √ : : २४९ "1 77 २५० २५१ २५१ www.jainelibrary.org
SR No.001555
Book TitleSharavkachar Sangraha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1998
Total Pages420
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Achar, & Religion
File Size23 MB
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