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________________ " ५८ गावानुक्रमणिका देवाण होइ देसे भावसं० ६२ धम्म सुहु पावेण दुहु देविंद-चक्कहर-मंडलाय वसुनं० ३३४ धम्में हरि हल चक्कवइ देवे धुवइ तियाले भावसं० ६ धम्मोदएण जीवो भावसं० ९ देस-कुल-जाइ-सुद्धो वसुनं० ३८८ धरिकणं उड्जंघ वसुनं० १६७ देह-तव-णियम-संजम वसुनं० ३४२ धरिऊण वत्थमेत्त , २७१ देहमिलियं पि जीवं स्वामिका० १५ धवल वि सुरमउडकियउ सावय० १७४ देहस्सुच्चत्तं मज्झिमासु वसुन० २५९ धरियउ बाहिरलिंगं रयण. ५७ देहि दाणु वउ किंपि करि सावय० १२१ धावति सत्थहत्था भावसं० २२५ देहो पाणा रूवं भावसं० १६८ धूवउ खेवहिं जिणवरहं सावय० १८९ दोधणुसहस्सुत्तुगा वसुनं० २६० धूवेण सिसियर-धवल वसुनं० ४८८ दोससहियं पि देवं स्वामिका० १७ दोसु पव्वेसु सया दसण-णाण चरित्ते वसुनं० ३२० न मुयंति तदवि पावा वसुनं० १५० दसणभूमिहिं बाहिरा सावय० ५७ दसण-रहिय कुपत्त जइ सावय० ८१ दसण-रहिय जि तउ करडि सावय० ५५ पक्केहिं रसड्ढसमुज्जलेहि भावसं० १२८ । चारित्त० २(२१) पक्खालिकण पत्तं वसुनं० ३०४ दसण वय सामाइय वसुनं० ४ पक्खालिउण वयणं प्लाटी० (उक्त) १.२ पच्चारिज्जइ ज ते पीयं , १५५ दसणसुद्धिए सुद्धयह सावय० ५६ पच्चूसे उट्टित्ता वंदण " २८७ दसणु णाणु चरित्तु तउ . , २२४ फ्ज्जात्तापज्जत्ता पट्टवणे णिढवणे वसुनं० ३७७ पडिकूइलयाइ काउं भावसं० २१४ धण-धण्णाइसमिद्धं रयण० २९ पडिगहमुच्चट्ठाणं वसुनं० २२५ धम्मज्झाणं भणियं भावसं० १७ पडिचीणणेत्तपट्टाइएहिं " ३९८ धम्मसरूवें परिणवइ सावय० ९१ पडिजग्गणेहिं तणुजोय " ३३९ धम्महु धणु पर होइ थिरु पंडिदिवसं जं पावं भावसं० ८३ धम्माधम्मागासा वसुन० ३० पडिबुद्धिऊण चइऊण धम्मिल्लाणं चयणं वसुनं० ३०२ पडिबुद्धिळण सुत्तुट्ठिओ वसुनं० ४९८ धम्मु करउ जइ होइ धणु, सावय० ८८ पडिमासमेक्कखमणेण , ३५४ धम्मु करंतहं होइ धणु पढमाइ जमुक्कस्स धम्मु जि सुद्धउ तं जि पर पढमाए पुढवीए १७२ धम्में एक्कुवि बहु भरइ , १०३ पढम पढम णियदं (उक्त) आ० सा० १५३ धम्में जाणहिं जंति पर , १०२ पणतीस सोल छप्पण धपि० (उक्त) ४.२८ धम्में जं जं अहिलसइ , १५ पणमंति मुत्तिमंगे भावसं० ११६ धम्में विणु जे सुक्खडा ,, १५२ पतिभत्तिविहीणसदी रयण० ७० ॥ २८२ , २६८ " १७४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001554
Book TitleSharavkachar Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1998
Total Pages598
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Ethics
File Size13 MB
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