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________________ १३६ श्रावकाचार-संग्रह भाग सख्त श्रा० साल सागार. सावय० सं० भाव सं० भावसं० स्वामिका. हरिवं. । । । । पूर्ण नाम श्रावकाचार सारोदार सागारधर्मामृत सावयधम्मदोहा संस्कृतभावसंग्रहात श्रावकाचार स्वामित्तिकेयानुप्रेक्षा , हरिवंशपुराण-गत श्रावकाचार कुन्दकुन्द श्रावकाचारको टिप्पणी में उपयुक्त-अन्यनाम-संकेत-सूची अग्नि -अग्नि पुराण (प्रसिद्ध हिन्दू पुराण) अष्टान -अष्टाङ्ग हृदय, (प्रसिद्ध वैद्यक ग्रन्थ) करल. -करलक्खण, (भारतीय ज्ञानपीठ काशी) ज्ञान० -ज्ञानदीपिका, (जैन सिद्धान्त भवन, आरा) -नीतिवाक्यामृत, (माणिकचन्द ग्रन्थमाला बम्बई) भद्रबा० -भद्रबाहुसंहिता, (भारतीय ज्ञानपीठ काशी) वर्षप्र० -वर्षप्रबोध, (मेघविजयगणि-रचित) वास्तुसा० -वास्तुसार प्रकरण, (जैन विविध ग्रन्थमाला जयपुर) विश्वक. -विश्वकर्मप्रकाश, (राधेश्याम यंत्रालय काशी) सामुद्रि० - सामुद्रिकशास्त्र, (जैन सिद्धान्त भवन, आरा) सुश्रुत -सुश्रुतसंहिता (प्रसिद्ध वैद्यक ग्रन्थ) -हस्तसञ्जीवनम्, (भारतभूषण प्रेस, काशी) नीतिवा. हस्तसं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001554
Book TitleSharavkachar Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1998
Total Pages598
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Ethics
File Size13 MB
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