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जोइंदु-विरइउ
[214 २-८३214) सत्थ पढंतु वि होइ जडु जो ण हणेइ वियप्पु ।
देहि वसंतु वि णिम्मलउ गवि मण्णइ परमप्पु ।। ८३ ॥ 215) बोह-णिमित्तै सत्थु किल लोइ पढिज्जइ इत्थु ।
तेण वि बोहु ण जासु वरु सो किं मूढ ण तत्थु ॥ ८४ ॥ 216) तित्थई तित्थु भमंताहँ मूढहँ मोक्खु ण होइ।
णाण-विवज्जिउ जेण जिय मुणिवरु होइ ण सोइ ॥ ८५ ॥ 217) णाणिहिं मूढह मुणिवरहं अंतर होइ महंतु ।
देहु वि मिल्लइ णाणियउ जीवहँ भिण्णु मुणंतु ॥ ८६ ।। 218) लेणहँ इच्छइ मूढ पर भुवणु वि एहु असेसु ।
बहु-विह-धम्म-मिसेण जिय दोहिँ वि एहु विसेसु ॥ ८७ ॥ 219) चेल्ला-चेल्ली-पुत्थियहि तूसइ मूढ णिभंतु ।
एयहि लज्जइ णाणियउ बंधहँ हेउ मुणंतु ।। ८८॥ 220) चट्टहिँ पट्टहिं कुंडयहि चेल्ला-चेल्लियएहिं ।
मोहु जणेविणु मुणिवरहँ उत्पाहि पाडिय तेहिं । ८९ ॥ 221) केण वि अप्पउ वंचियउ सिरु लुचिवि छारेण ।
सयल वि संग ण परिहरिय जिणवर-लिंग-धरेण ।। ९० ।। 222) ते जिण-लिंगु धरेवि मुणि इट्ठ-परिग्गह लेंति।
छदि करेविणु ते जि जिय सा पुणु छद्दि गिलंति ॥ ९१ ॥ 223) लाहहँ कित्तिहि कारणिण जे सिव-संगु चयति ।।
___ खीला-लग्गिवि ते वि मुणि देउल्लु देउ डहति ।। ९२ ।। 224) अप्पउ मण्णइ जो जि मुणि गरु यउ गंथहि तत्थु ।
सो परमत्थे जिणु भणइ णवि बुज्झइ परमत्थु ।। ९३ ॥
214) TKM देहे वसंतउ. C देह वसंतु. 215) Wanting in TKM; C तेण विबोहणु जासु. 216) T तित्थे भमंताह; Band c have अक्खरडा etc. between 215 and 216. 217) Wanting in TKM; C मुणिवरहिं. 218) Wanting in TKM; C दोहि वि AB दोहिमि. 219) A चिल्लाचिल्ली, TKM; चेल्लाचेल्लियपोत्थियहिं; T दूसइ; for तूसइ; B मिल्लइ for लज्जइ. 220) TKM गुंडियहिं; AB चिल्लाचिल्लियएहिं. 221) TKM सिरु लुंचुवि, सयलु वि, परिहरइ.222) A लिति; TKM छड्डि for छद्दि, तेज्जि for ते जि. 223) c किंत्तिहं BCTKM कारणेण; TKM सिव (उ) मग्गु; TKMC खीलालग्गवि. 224) TKM जोज्जि for जो जि, गंथहि गरुवइ तत्थु; Cणउ for णवि.
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