________________
जैन साहित्य विकास मंडळनां
प्रकाशनो
[प्रयोजक : शेठ श्री. अमृतलाल कालिदास दोशी, बी. ए.]
५.०० ५.००
__०.३७
१. श्री प्रतिक्रमण-सूत्र प्रबोधटीका, भाग पहेलो [बीजी आवृत्ति २. श्री प्रतिक्रमण-सूत्र प्रबोधटीका, भाग बीजो ३. श्री प्रतिक्रमण-सूत्र प्रबोधटीका, भाग त्रीजो ४. श्री प्रतिक्रमणनी पवित्रता [बीजी आवृत्ति-अप्राप्य] ५. श्री पंचप्रतिक्रमण-सूत्र [प्रबोधटीकानुसारी] शब्दार्थ, अर्थ-संकलना तथा
सूत्र-परिचय साथे [अप्राप्य] ६. श्री पंचप्रतिक्रमण-सूत्र हिंदी [प्रबोधटीकानुसारी] शब्दार्थ, अर्थ-संकलना
तथा सूत्र-परिचय साथे [अप्राप्य] ७. सचित्र सार्थ सामायिक-चैत्यवंदन [प्रबोधटीकानुसारी-अप्राप्य] ८. योगप्रदीप [प्राचीन गुजराती बालावबोध अने अर्वाचीन गुजराती अनुवाद सहित] ९. ध्यानविचार [गुजराती अनुवाद साथे] १०. नमस्कार स्वाध्याय [प्राकृत विभाग] [गुजराती अनुवाद साथे] ११. तत्त्वानुशासन [गुजराती अनुवाद साथे]
ऋषिमण्डलस्तवयन्त्रालेखन [गुजराती अनुवाद तथा यन्त्र साथे]
ť si e le
रू. २.०० रू. . ०.५०
१.५०
रू. २०.०० रू. १.००
छपाय छे:
नमस्कार स्वाध्याय [संस्कृत विभाग
नमस्कार स्वाध्याय [अपभ्रंश-हिंदी-गुजराती विभाग] १५. जिनाभिषेकविधि १६. मातृकाप्रकरण १७. सिद्धमातृकाधर्मप्रकरण १८. मन्त्रराजरहस्य १९. A Comparative Study of the Jaina Theories of Reality and Knowledge.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org