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________________ APRIOR aper MICRO ६. थोयना थोटा भेघविनय २यित............ क्षेभशलमुनि रथित...... विमलविय २थित ........ वि०४यहानसू.रि २थित ................ अत्याए।सारसूरि २थित.... वीवि०४७ त ......... ७. संस्कृत - स्तुति / स्तवन / स्तोत्र श्रीमुनिसुव्रतजिनस्तुतय .... श्रीमुनिसुंदरसूरिप्रणीता स्तुतिः ..... श्रीकमलविजय रचिता स्तुतिः ..... महोपाध्यायश्रीहेमहंसगणिवि रचिता स्तुतिः ............... पंडितश्रीजिनविजयविरचिता स्तुतिः ... महोपाध्यायश्रीहेमहंसगणिवि रचिता स्तुतिः पुण्यरत्नसूरिवि रचिता स्तुतिः.................. श्रीधर्मघोषसूरि प्रणीता स्तुतिः ..... श्रीचारित्ररत्नगणि प्रणीता स्तुतिः.................. श्रीगुणसौभाग्यमुनीश्वर प्रणीता स्तुतिः.............. श्रीसोमप्रभेशसूरि कृता स्तुतिः . श्रीजयकेसरसूरिविरचितो देवदुन्दुभिवर्णनात्मकः स्तवः ...... श्री मुनिसुव्रतजिनस्तवनम् .. कलिकालसर्वज्ञश्रीहेमचन्द्राचार्यविरचितः स्तवः ... कलिकालसर्वज्ञश्रीहेमचन्द्राचार्यविरचितः स्तवः..... कलिकालसर्वज्ञश्रीहेमचन्द्राचार्यविरचिता स्तुतिः अज्ञातकर्तृक स्तोत्रम् .... शीलरत्नसूरि कृता स्तुतिः ............ श्रीसोमविमलसूरिवि रचिता स्तुतिः श्रीजिनप्रभसूरि कृता स्तुतिः...... त: ............ ........... रा go Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001467
Book TitleMunisuvratJina Vandanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri Smarak Trust Ahmedabad
PublisherVijayanandsuri Smarak Trust Ahmedabad
Publication Year2000
Total Pages130
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Worship
File Size7 MB
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