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________________ श्री सरस्वतीमहापूजन (पूर्वतैयारी) १. आ पूजन मुख्यत्वे विद्याप्राप्ति / ज्ञानप्राप्ति अने ज्ञानावरणीय कर्मना क्षयोपशम माटे करवामां / कराववामां आवे छे. २, आ पूजन एकवीश दिवसना श्रीसरस्वतीदेवी-श्रीश्रुतदेवतानी आराधना/जाप वगेरे अनुष्ठानोनी पूर्णाहुति प्रसंगे खास करवू जोइए. ३. आ पूजन करवा माटे १५ फूट पहोळा अने २० फूट लांबा हवा उजाशवाळा स्थाननी जरूर रहे छे. ४. ज्यां खुल्ली भूमि पर मंडप बांधी पूजन करवानुं होय त्यां कोइ मृत प्राणीनुं कलेवर, हाडकां के लोखंड वगेरेनो भंगार होवानी शंका होय तो, ए भूमिने एक फूट खोदीने शुद्ध करी लेवी. जो लींपणवाळा स्थानमां पूजन करवानुं होय तो तेने छाणथी लीपी, पछी तेने वाळी उपयोगमा लेवू. ५. फरसबंधीवाला स्थानने प्रथम वाळी, पछी पाणीथी धोइ, छेवटे गुलाबजलनो छंटकाव करी, तेने शुद्धवस्त्रथी साफ करी पछी उपयोगमां लेबु. ६. पूजनना स्थानने आसोपालवनां तोरणोथी शणगारवू तथा मुख्य द्वारे मंगलतोरण बांधवू. . वस्तुओनी यादी १. श्री महावीरस्वामी भगवान, श्री गौतमस्वामीजी तथा श्री सरस्वतीदेवीनी सुंदर प्रतिमा अथवा छबी २. त्रिगडु, चंदरवो, पूठियुं वगेरे, बाजोठ, बे-त्रण पाट ३. पीठो उपर पाथरवा माटे लाल मादरपाटनुं मोटा पनानुं कपडु - ९ मीटर तेमांथी जरूरियात प्रमाणे पांच टूकडा करवा ४. बे-त्रण नानी शेतरंजीओ के चटाइ ५. २ धोएली चादर ६. २ नेप्किन २ डस्टर ७. चप्पु, कातर, लोखंडनो नानो सळियो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001464
Book TitleSaraswatimahapoojan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryodaysuri
PublisherJain Granth Prakashan Samiti
Publication Year2000
Total Pages32
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, & Pujan
File Size2 MB
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