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प्रकाशकीय निवेदन
कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्यनी नवमी जन्मशताब्दीना उपलक्ष्यमां, तेओना जीवन अने कवनने समुचित स्मरणांजलि आपी शकाय तेवा आशयथी, पूज्य आचार्यश्री विजयसूर्योदयसूरीश्वरजी महाराजनी प्रेरणाथी आ ट्रस्टनी स्थापना थया पछी, त्रण विद्वज्जनोने 'श्री हेमचन्द्राचार्य-चन्द्रक' अर्पण करवा उपरांत,
१. हेमसमीक्षा
ले. श्री मधुसूदन मोदी २. प्रमाणमीमांमा
सौंपा. प. श्री सुखलालजी ३. हैम स्वाध्यायपोथी सपा. प. शीलचन्द्रविजयजी ४. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित भाग १-२ (१थी ४ पर्व)
आटली कृतिओनु प्रकाशन करवा अमे भाग्यशाळी थया छीए हर्जा पण 'त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित'नो बाकीनो अंश यथासमय प्रसिद्ध करवानी अमारी भावना छे.
अमारा ट्रस्टनां प्रकाशनोनी शृखलामां, हवे, श्री हेमचन्द्राचाये' रचेला 'देशीनाममाला' नामना अद्भुत ग्रंथने अने तेना- विषयने केन्द्रमा राखीने, आपणा विश्वख्यात भाषाशास्त्री अने प्राकृत, अपभ्र श, देशी, पाली इत्यादि भाषासाहित्यना मूर्धन्य मान्य विद्वान डॉ. हरिवल्लभ भायाणीए आलेखेला संशोधनात्मक लेखा तथा व्याख्यानोना समहरूप प्रस्तुत 'स्टडीज़ इन देश्य प्राकृत' ग्रंथनु प्रकाशन करवानो अवसर अमने प्राप्त थाय छे ते अभारा माटे घणा ज हर्षनी वात छे. आवु उत्तम प्रकाशन करवानी प्रेरणा आपवा बदल पूज्य प. श्री शीलचन्द्रजीविजयजी गणीना तेम ज पोतानी कृतिनु प्रकाशन करवा देवा बदल श्रीयुत हरिवल्लभ भायाणीना अमे खूब खूब ऋणी छीए. आ ग्रंथनु मुद्रणकार्य सुंदर रीते करी आपवा बदल श्री क्रिष्ना प्रिन्टरीना श्री हरजीभाई पटेलना पण अमे घणा आभारी छीए.
विद्वानोना सहयोगथी आवां प्रकाशनो करवानी अने ते रीते श्री हेमचन्द्राचाय ने - स्मरणांजलि आपवानी वधु ने वधु तक आ ट्रस्टने मळती रहो तेवी प्रार्थना साये
अमदावाद ता. १४-१-१९९०
ट्रस्टीगण : क. स श्री हेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति शिक्षण संस्कार निधि
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