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________________ गुस्ताखी खबर नहि, केम, पण मारे 'ह' थी शरु थतां नामवाळी व्यक्तिओ जोडे वधु अनुबंध छे ए नक्की. ए विना हेमचन्द्राचाय जेवी विभूतिना साहित्य साथे गाद संपर्क अने वळी तेमनी ज कृति उपरना श्री हरिवल्लभभाईना प्रस्तुत स्वाध्याय साथेना संबंध शे स भवे ? ___ श्री हेमाचायनु नाम आवे ने हैये एक अनेरा अहोभाव प्रगटे छे. एमना विशे कांईक करवानु आवे अथवा तो अन्य कोई एमना विशे कांई करतु होय ने ते जाणवा मळे-तो हैयु अनायासे ज हर्षान्वित बनी जाय छे. अनुबंध विना आम केम बने ? श्री हरिवल्लभभाई भायाणीनो परोक्ष परिचय घणां वर्षो अगाउ 'कुमार'ना माध्यमथी थयेलो. चौदेक वर्ष'नी वये, महुवा(सौराष्ट्र)ना रोकाण दरमियान, त्यांनी लायब्रेरीमाथी 'कुमार'नी जूनी फाईलो मेळवी वांचता, त्यारे तेमां डॉ. भायाणीनी 'शब्दकथा' अचूक अने रसपूर्वक वांचवानु गमतु . शब्दानां कुळ अने मूळ जाणवानो ते उमरे कोई ओर विस्मय हतो. वर्षा पछी ज्यारे जाण्यु के डॉ. भायाणी मूळे तो महुवाना ज छे त्यारे तेमना माटेनो विस्मयभो आदर एकदम ज आनंद अने गौरवनी लागणीमां परिणमेला. महुवा तो अमारा वडा गुरुवरनु गाम, ने त्यांना आवा विद्वान, आ तो केवु गौरवभयु गणाय ! पर तु ए हरिवल्लभभाईनो साक्षात् सपक' तो आ हैम शताब्दी-वर्षे', वर्षो पछी, थयो, ते पण हेमचन्द्राचायनी अतिहासिक रचना 'देशीनाममाला'ना निमिचे ज. अने एथी ज हवे में धारणा बांधी छे के मारे हकारादि नाम धरावती विद्वान विभूतिओ साथे वधु अनुबध छे ज ____एक ज कोषमा शब्दा अने तेनां लिंगाना समावेश करी 'नाम-लिङ्गानुशासन'नी रचना जेम विरल छे, तेम एक ज व्यक्ति, शब्दकोषनी साथे संबंध धरावतां तमाम पासांओने वणी लेती कोषरचनाओ-एकले हाथे करी आपे ते पण अद्भुत छे. जो अमरसिंहनो 'अमरकोष' कोषसाहित्यमा शिरोमणि गणाय, तो कोषप्रणेताओमां शिरोमणि श्रीहेमाचार्य'ने ज गणवा रहे, एटलु विशिष्ट अने मूल्यवंतु तेमनु कोष. साहित्य छे. तेमनी मौलिकता तो ए छे के तेमणे फक्त संस्कृत कोषो ज नथी रच्या, पण प्राकृत/देशी भाषाना शब्दोनो पण कोष– 'देशीनाममाला'---रच्यो छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001462
Book TitleStudies in Desya Prakrit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1988
Total Pages316
LanguageEnglish, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_English, Dictionary, & literature
File Size14 MB
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