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प्रकाशकीय निवेदन
कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य भगवंतनी नवम जन्मशताब्दीना वर्षे (सं. २०४५) रचायेल आ ट्रस्ट तरफथी, श्रीहेमाचार्यनी अमर रचनारूप ग्रंथ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरितमहाकाव्यनो पांचमो भाग प्रगट करतां अमोने अनहद आनंद थाय छे.
पूज्य आचार्य श्रीविजयसूर्योदयसूरीश्वरजी महाराजनी प्रेरणाथी रचायेल आ ट्रस्टे त्रिषष्टि० भाग १, २, ३, ४ एटले के अनुक्रमे १, २-३-४, ५-६-७ तेमज ८-९ एटलां पर्वोनी समीक्षित वाचनाना चार ग्रंथो आ पूर्वे प्रगट करेल छे. पांचमा भागरूप आ ग्रंथमां पर्व १०नी सम्पादित-समीक्षित वाचना प्रगट थई रही छे.
__ आ ग्रंथना प्रकाशन माटे अमदावादनी श्रीजैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक बोर्डिंग-संस्था तरफथी घणो आर्थिक सहयोग प्राप्त थयो छे, ते माटे अमो ते संस्थाना ऋणी छीए.
आ ग्रंथना मुद्रणनी व्यवस्था श्रीसरस्वती पुस्तक भण्डारना भाई श्री अश्विन शाहे संभाळी छे तेमना हस्तक श्रीरामानन्द प्रि. प्रेसमां कम्पोझिंग थयुं छे. प्रूफवाचन तेमणे कर्य छे. तथा ग्रंथना परिशिष्टो तैयार करवानं तथा मुद्रण- काम किरीट ग्राफिक्से करी आपेल छे, ते सहुनो अमो आभार मानीए छीए.
लि.
कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधिनो
ट्रस्टीगण