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परिशिष्ट १मां श्लोकोनो अकाराविक्रम मूकवामां आव्यो छे; बीजा परिशिष्टमां ग्रन्थगत विशेष नामोनी सूचि आपी छ, त्रीजा परिशिष्टमां ग्रन्थगत सूक्ति-कण्डिकाओनु संकलन छे. आ उपरांत प्रथम आवृत्तिमा क्यांक क्यांक अशुद्धिओ रही गयेली जणातां तेनी नोंध करी तेनु शुद्धिपत्रक पण आ मुव्रणमा मूकेल छे.
आ बधां परिशिष्टो वगेरे तैयार करवामां. प. पू. मुनिराजश्री नन्विघोष विजयजी, मुनिराज श्रीजिनसेनविजयजी, मुनिराज श्री विमलकीति विजयजो आदिमे तेम ज खंभातवाळां प. पू. साध्वीजी महाराज श्री पूर्णभद्राश्रीजी म. तथा तेमनां शिष्यापरिवारे घणो श्रम लीधो छे.
आ ग्रन्थोना सम्पादन माटे उपयुक्त पति तेमज हस्तप्रतिओ आदि विषे जाणकारी जिज्ञासुओने मळी रहे ते हेतुथी मूळ आवृत्तिना सम्पादकोनां निवेदनो यथावत् पुनर्मुद्रित करेल छे.
प्रथम बे मागोना पुनर्मुद्रण पछी तबक्कावार बाकीनां पर्वोनी सम्पादित वाचनान प्रकाशन करवानी पण अमारी भावना छ, अने अमोने आनन्द छ के बाकीनां पर्वोनु प्राचीन प्रतिओना आधारे सम्पादन कार्य पं. श्री शीलचन्द्रविजयजी करी रह्या होवाथी टूक समयमां अमारी आ भावना अवश्य साकार बनशे.
प्रस्तुत कार्यमां श्री जैन श्वेताम्बर मृतिपूजक बोडिंग अमदाबाद तरफथी अमोने पर्ण आर्थिक सहयोग प्राप्त थयो छे, ते बदल ते संस्थाना संचालकोनो अमे हृदयपूर्वक आभार मानी छोओ.
__ अन्तमा, घरदीवडा जेवी अमारी नानकडी संस्थाना माध्यमथी श्रीहेमचन्द्राचार्यना महान अने उपकारक साहित्यनो प्रसार-प्रचार करवानो आवो अवसर अमने वारंवार मळतो रहे तेवी शुभ भावना.
ली. ठे. लालमाई दलपतमाईनो । कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति वंडो
संस्कार-शिक्षण निधि-अहमदाबादना पानकोर नाका अहमदावाद-१
टूस्टीओ
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