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________________ ३३० धातुरूपम् पिबति पिवासित पत्रम् पिहित पीणित अंगविज्जान्तर्गतानां प्राकृतधातुप्रयोगाणां संग्रहः पत्रम् धातुरूपम् . पत्रम् धातुरूपम् मालित १२१ भक्खण १९३ मिल्लेति भक्खते १०७ मुच्चति भग्ग ३०-१६८ मुच्चिहिति भज्जिज्जते २५४ मुज्झइ १४८ भट्ठ १४८ मुणेतूण १९३ भणति ८३ मुदित ३६-८७ भणित १४५ पीत पीलित पुच्छिज्जमाण पुच्छित पुच्छे पुच्छेज्जा पुफिय पूयित पूयिय ३६ भणित्तु ३० भमते २६५ युंजय ३६-१५५ भरेति ८३ रज्जति १४८ ८४ १०७ रमेहिति ६६-९८ रसायते ४६ भरेहते १४८ भविस्सति १७१ भविस्सते १०७-१४१ भंजंत पूरण रंधित १४८ ३८ राते १०७ भंजंति २५४ पूसित पेक्खति पेक्खत्ते पेक्खमाण पेक्खंत पेक्खित पेच्छति पेच्छते पेंडित पोरुपविद्ध पोसित भामित भासमाण भिण्ण रुदित रिंगमाणक रुण्ण १४८-१५५ १६९ रुण्णारुत १२१-१६८ ३०-१४८ रुद्धापित रूवाकड १४८ रेचित रोजयिस्सति ६६-८३ रोदंत १०७ भित्र १०७ २५९ १५५-१६२ ३४ १६८ २५४ १६८ १४८ १७५ ३६-१३५ ३७ २५५ ११५ भुक्खित १५२ भुत्त १८४ रोवंत ८७-२४३ भुंजति भुंजते ८३-१०७ भुंजिस्सति ८४ भूसित ३० भेदति १४८ भेदित रोहण ३८ फरिसायते परिसाहिति फलिय फालित फालित फालेंत फालेंती फासित फुलित फुल्लित फूमित फोडित ८२ १४४ मज्जति मज्जिय लक्खये लग्ग लब्मति लभित्ताणं लभिस्सति लयित १२७-१९७ ८०-२०० ७७ १९७ ६०-९८ १९८-२०० २४५ मत मधित मय मरिस्सति मलित मंडित लंछित ८० लासित १६९-१७५ लीण ८१-१४८ लुचित १४७ लुलित १२१ लूहित १३०-१४८ १४८ ८३ मंतुलित बुज्झते बुवति १०६ ल्हासेहिति बूया १९५ मंतेति १४-६९ मंतेहिति १७ माणेहिति १४७ मारमरीति बूवी ८४ वइए बोधिज्जमाण २४५ वक्खस्सामि १४८-१८६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001439
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2000
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size12 MB
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