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________________ ३२६ पत्रम् १४४ १३ ३८-१२१ १४८ १७० अंगविज्जान्तर्गतानां प्राकृतधातुप्रयोगाणां संग्रहः पत्रम् धातुरूपम् पत्रम् धातुरूपम् १३५ गज्जित १६८-२५५ छद्देमाण १३०-१६८ गमिस्सति १७५-१९२ छंदेति ३७ गय ८० छात ६७-८४ गरहिअ १० छादित १४८ गलिअ छिण्ण ११ गहेतूण ३६-६२ गंदित ६३ गायते छिवित ६५ गायमाण छिदंत ६५ गालित गाहये गिज्जिहिते गीत छीयमाण छित्त १४८ छिन । १४८ १८४ धातुरूपम् कासमाण कासित कासेंत काहिति कित्तण कित्तइस्सामि कित्तयिस्सं कित्तयिस्सामि कित्तिय कित्तेसं किलकिलायिअ किलेसित कुट्टित कुरुते कुव्वत कुंचित कुंजित कूवित केसणिम्मज्जण कोट्टित कोडित छिदंती छीत ८४ छुद्ध १६९ १६८ १३५ १०८-२०० १४८ १३५ १४८ १०७ गीय गुलखित १५५ गृहित १६२ गेज्झ १४८ छुन्न १४८ छेलंत ३९ छेलित १४८ छेलित गोवित १६२-१९४ घट्ट १६२ जज्जरित ३८ जणयिस्सति १४८ जणये १४८ जतिस्सति १०७ जयिस्सति १४८ जहित्ता १४८ जंपति घसेंत घंसित घात घायति घिधिणोपित घुण्णित घुमति N० ० ० ६०-६६ १०८ १२१-१४८ घेत्तूण घोट्टेति घोडित ८० जंभमाण ३९ जंभाइत २५८ जंभायमाण ४६ जंभित १३६ १५५-१८४ ४५ खइत खणंत खमते खलित खंडित खाति खाहिति खिरे खिसित खुडित खुधित खुवित खुविय खुव्वति खुसित खुहित खोडित जाणिज्जो १४८ चमुत ११५ चलित १५५ जाणित्ता ८०-१४८ जाणे १४८ जाणेज्जो जाणेसु ७९-८९ ४४-९८ १३०-२१५ चालित १७६ चियेतूणं १५५ चितेति २४५ चितेहिति १४८ चुक्किहिसि १६२ चुंबित १४८-२१५ चेट्ठित जायति १०८ २५ २६५ जावण १९७ १४८ ३७-१८४ जीवति १५५ जुगुच्छित जुज्जे गच्छंत गच्छे १३५ छड्डित १० छड़ेंत ८०-१५२ जुण्ण ३७ जोइज्जमाण १९८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001439
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2000
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size12 MB
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