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________________ १-२१ ४७ विषयानुक्रम (१८) परिदेवितविभाषा पटल परिदेवितके तेरह प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश (१९) विक्रंदित पटल विक्रंदित के आठ प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश १-३७ (२०) पतितविभाषा पटल ४४-४५ पतन के आठ प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश (२१) आत्मोत्थितविभाषा पटल ४५-४६ अपने आप उठने के इक्कीस प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश (२२) निर्गत पटल ४६ निर्गम के ग्यारह प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश (२३) प्रचलायितविभाषा पटल ४६-४७ प्रचलायितके सात प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश १-१८ (२४) जृम्भितविभाषा पटल जृम्भित-जम्भाई के सात प्रकार, उसके उपभेद और तदनुसार प्रश्नका फलादेश (२५) जल्पितविभाषा पटल ४७-४८ जल्पित के सात प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश १-४२ (२६) चुंबितविभाषा पटल ४८-४९ सोलह प्रकार का चुंबन, एवं चुंबन के दूसरे अनेक प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश (२७) आलिंगित पटल ४९-५१ आलिंगन के चौदह प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश १-४२ (२८) निपन्नविभाषा पटल ५१-५३ निपन्न के बारह प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश १-७९ (२९) सेवितविभाषा पटल सेवित के बत्तीस प्रकार और तदनुसार प्रश्न का फलादेश १-१६ (३०) भूमीकर्मसत्त्वगुणविभाषा पटल ५६ भूमिकर्म अध्याय के अधिकारी के गुण और योग्यता १-१८६८ ९ नववाँ अंगमणी अध्याय ५७-१२९ मणिसूत्र ५७-५९ अंगमणि अध्याय में वर्णनीय २७० द्वारों का निर्देश १-१९२ (१) पिचत्तर पुण्णाम ५९-६६ १-५९ पिचत्तर पुण्णामक-पुरुषजातीय अङ्गों के नाम और उनके स्पर्शानुसार फलादेश पुरुषजातीय मनुष्यनाम ६६-७३ पुरुषजातीय देवयोनिकनाम ग०२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001439
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2000
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size12 MB
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