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________________ नमः श्रीवर्धमानायानामामुरदे वाणनामा सिहाणांनामा ग्रायरियाएं नामाउदा सागानामालास साहूणनामा जिणागांना मान दिजिला पान मापरामादिजिणानामासाचा दिजिणानामाळ पोताहितिणामी नामान्न गरहनुमदारसम्म महावीरवद्दमास्म नामानगवई पामदा रिस दिलाए। अंग विज्ञापास दस्म परिवारा महानु [एगा पिछल खलु लोभदा रिस दिलाए । श्रम विज्ञापाचंप्पत्ती मलाण्डामा तरवलालातम मुस्कामितंजदा ॥ पाइ पापांस दियावइपिमित्रसंग्राहब को ग्रह दान विज्ञ कुणाश्ग सारारक गोवंड विणा तदा। विद्यानामन्त्रलिरकाएाग्रहादित्रा ॥२महमदा निमित्रा से परिकितिया पहिला वाण इंसिती श्री एम यसंप्रया ॥ ३५॥ सिंण्वरांम्रणिमितं गामवासवसुत्र तिला एवं SHINNATURASH यायावयवाचायचादावापा सधामारखाण्ाकदा सुसामा साहादीरणास विसावव सिडिंनए सिस्ममितिद्वया। सिहिनावार सान्तामिति शाणितोिगा कवली एसरीरका काम्नाणियात्रा गतिमात्रा वाशिमया इति||प्रतिश्वलाला गामासगवतीयमहापरिस चपला दासह स्पपरिवारासमवतीथ णामसियामा गाणा संवत्श्वा श्रावणावदिलासा. अंगविद्यासा मय अपुग यायचा सकसमाससंध्यकालनिस्ि श्री वीरदेवमताको वीरदेसारक मरता समज निकलाधरोल शीलगुणालंकृता किमुक्काम नाः॥३नका श्रीपाद नावाची मोसमी लिखु देश विद्यांतोपमेत्यव्यवसा० गूडार साधगंडासा नाल समिन्द्यामा रानाश्रीताना धिरा श्री सोमसुंदररिहाले कार सदारकी वापदेशे नलेखिताश्रग्रेग विद्याजी यात् लाकाराकाशसोम का प्रति की या निर्मायाविज्ञाधाकि देवासी नेोरनमोविंग जितनी नावाचा धनपाल त श्रीकन शासन नालासने तीन बारामत प्रभाग महापरिवयामास स्वार सम्राडामिया सिहा तिसिहा समुहगर Vioes हादरवण अरहंतति निश्वदिद्वादशांग संगवायासमा पिड आमरिया माशाथ आद
SR No.001439
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2000
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size12 MB
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