________________
(13)
दूसरे दिन सुबह जब अहमदाबाद पहुंचे तब मन प्रसन्न हो गया, मानो सारी पीड़ा समाप्त हो गयी हो, परन्तु १९ जनवरी को दिव्यधाम के आमंत्रण को शान्ति पूर्वक स्वीकार कर उन्होंने उसके लिए प्रस्थान कर दिया।
__ कस्त्रभाई मानते थे कि व्यक्ति की मृत्यु से देश का उत्पादन रुकना नहीं चाहिए । उनके अनुसार व्यक्ति को सही श्रद्धांजलि तो उसकी भावनानुसार काम करके ही दी जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निदेश दिया था कि मेरे अवसान के शोक में एक भी मिल बन्द नहीं रहनी चाहिए। उनके पुत्रों ने उनकी यह इच्छा लालभाई ग्रुप की नौ मिलों के सभी कर्मचारी-गणों को सूचित कर दी । ' कार्य करो' इसे सेठ का अंतिम आदेश मानकर सभी कर्मचारी काम पर लग गये । सारा अहमदाबाद शहर जिनके शोक में बन्द रहा वहीं उन्हीं की मिले उस दिन कार्यरत रहीं यह एक अपूर्व घटना थी।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org