SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 155
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रा. डा. हरनारायण उ. पण्ड्या (१) अमरकोश में ऋषभ और वृषभ दोनों शब्द शृंगी वनस्पति के और बैल के पर्यायवाचक हैं, और वृष शब्द धर्म का भी वाचक है । (२) जैन पर परा में वृषभदेव के नाम का सम्बन्ध धर्म से बताया है । संभव है, इन दोनों में से किसी एक का या दोनों का असर भागवत पर पड़ा हो । 131 जं. प्र. में ऋषभदेव की पत्नी का नाम नहीं मिलता है । भागवत अनुसार उनको जयन्ती नाम की एक पत्नी है, जब कि महापुराण में उनकी दो पत्नियाँ हैं - यशस्वती जौर सुनंदा । भागवत और महापुराण दोनों एकमत हैं कि ऋषभदेव के विवाह में इन्द्र का सहयोग मिला था जैसे कि भागवत के अनुसार ऋषमदेव का विवाह इन्द्र ने दी हुई जयन्ती नाम की कन्या के साथ हुआ था, जब कि महापुराण के अनुसार राजा नाभि इन्द्र की अनुमति लेकर ऋषभदेव का विवाह यशस्वती और सुनन्दा के साथ करते हैं । १५ १६ - ज. प्र. और भागवत में इस बात में समानता है कि ऋषभदेव को १०० पुत्र थे जब कि महापुराण के अनुसार यशस्वती को १० : पुत्र एवं एक पुत्री १७ १८ जं. 3 ब्राह्मी और सुनंदा को एक पुत्र बाहुबली एवं एक पुत्री सुन्दरी थी । प्र. में पुत्रों के नाम नहीं मिलते हैं, जब कि भागवत और महापुराण में थोड़े नाम मिलते हैं, यद्यपि नाम में भिन्नता अवश्य है जैसेकि - भागवत के अनुसार पुत्रों के नाम हैं- भरत, कुशावर्त इलावर्त, ब्रह्मावर्त, मलय, केतु, भद्रसेन, इन्द्रस्पृक्, विदर्भ, कीकट, कवि, हरि, अन्तरिक्ष, प्रबुद्ध, पिप्पलायन, आविर्होत्र, द्रुमिल, चमस और करमाजन । जब कि महापुराण के अनुसार भरत, वृषभसेन, अनन्तविजय, अनन्तवीर्य, अच्युत, वीर, वरवीर, बाहुबलि आदि नाम हैं। " १९ Jain Education International ब्राह्मण और जैन दोनों पर पराएं स्वीकारती हैं कि ऋषभदेवजी दिव्य पुरुष । उन्होंने एक आदर्श गृहस्थ का जीवन व्यतीत किया था और बाद में विरक्त For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001431
Book TitleJain Agam Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages330
LanguagePrakrit, Hindi, Enlgish, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & agam_related_articles
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy