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दो-उत्तर-णवइमो संधि
घत्ता जलजलइ णहंगणु जगु भमइ धूमायति दियंतरई। केसवेण सई भूसावियई णिय जसेण वसुहंवरई॥
इय रिट्ठणेमिचरिए धवलइयासिय-सयंभुएव-कए। जरसंध-वहो णामो दो-उत्तर-णवइमो सग्गो।।
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