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गा० २२]
पयडिट्ठाणविहत्तीए भैगविचओ ६३३८. संपाहि एदस्सालावो वुच्चदे । तं जहा-सिया एदे च तेवीसविहत्तिओ च वाबीसविहतिओ च १। सिया एदे च तेवीसविहत्तिओ च वावीसविहत्तिया च २ । सिया एदे च तेवीसविहत्तिया च वावीसविहत्तिओ च ३ । सिया एदे च तेवीसविहत्तिया च वावीसविहत्तिया च ४ । एवं तेवीस वावीसविहत्तियाणं दुसंजोगस्स एक्का
व पत्थारसलागा होदि १ । उच्चारणसलागाओ पुण ताव पुध हवेदव्या । संपहि तेवीस-तेरसविहतियाणं पत्थारे हविय एवं चेव आलावा वत्तव्वा । एवं वे दुसंजोगपत्थारसलागा २। तेवीसबारसण्हं संजोगेण तिणि पत्थारसलागा ३ । तेवीसाए सह एकारसण्हं संजोगेण चत्तारि पत्थारसलागा ४ । तेवीसाए पंचण्हं संजोगेण पंच पत्यारसलागा ५ । तेवीसाए चदुण्ठं संजोगेण छ पत्थारसलागा ६। तेवीसाए
६ ३३८. अब इस प्रस्तारका आलाप कहते हैं। वह इसप्रकार है
कदाचित् ये अट्ठाईस आदि ध्रुवस्थानवाले अनेक जीव, तेईस विभक्तिस्थानवाला एक जीव और बाईस विभक्तिस्थानवाला एक जीव होता है। कदाचित ये अट्ठाईस आदि ध्रुवस्थानवाले अनेक जीव, तेईस विभक्तिवाला एक जीव तथा बाईस विभक्तिस्थानवाले अनेक जीव होते हैं। कदाचित् ये अट्ठाईस आदि ध्रुवस्थानवाले अनेक जीव, तेईस विभक्तिस्थानबाले अनेक जीव और बाईस विभक्तिस्थानवाला एक जीव होता है। कदाचित् ये अट्ठाईस आदि ध्रुवस्थानवाले अनेक जीव, तेईस विभक्तिस्थानवाले अनेक जीव और बाईस विभक्तिस्थानबाले अनेक जीव होते हैं। इसप्रकार तेईस और बाईस विभक्तिस्थानोंके द्विसंयो. योगकी एक ही प्रस्तारशलाका होती है। पर उसकी जो चार उच्चारणशलाकाएं अर्थात् आलाप कह आये हैं उन्हें अलग स्थापित करना चाहिये । तेईस और तेरह विभक्तिस्थानोंके प्रस्तारको स्थापित करके इसीप्रकार आलाप कहना चाहिये । इसप्रकार तेईस
और बाईस विभक्तिस्थानोंकी द्विसंयोगी एक प्रस्तार शलाका तथा तेईस और तेरह विभतिस्थानोंकी द्विसंयोगी एक प्रस्तारशलाका ये द्विसंयोगी दो प्रस्तारशलाकाएं होती हैं। तेईस
और बारह विभक्तिस्थानोंके संयोगसे एक प्रस्तारशलाका होती है । इस प्रकार ऊपरकी दो और एक यह सब मिलकर तीन प्रस्तारशलाकाएं हो जाती हैं। इनमें तेईस विभक्तिस्थानको ग्यारह विभक्तिस्थानके साथ मिलानेसे उत्पन्न हुई एक प्रस्तार शलाकाके मिला देने पर चार प्रस्तारशलाकाएं हो जाती हैं। इनमें तेईस विभक्तिस्थानको पांच विभक्तिस्थानके साथ मिलानेसे उत्पन्न हुई एक प्रस्तार शलाकाके मिला देनेपर पांच प्रस्तार शलाकाएं हो जाती हैं। इनमें तेईस विभक्तिस्थानको चार विभक्तिस्थानके साथ मिलादेनेसे उत्पन्न हुई एक प्रस्तार शलाकाके मिला देनेपर छह प्रस्तार शलाकाएं हो जाती हैं। इनमें तेईस विभक्तिस्थानको तीन विभक्तिस्थानके साथ मिलानेसे उत्पन्न हुई एक प्रस्तारशलाकाके मिला देनेपर सात प्रस्तारशलाकाएं हो जाती हैं। इनमें तेईस विभक्तिस्थानको दो
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