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१६६ अयधवलासहिदे कसायपाहुडे
[पयडिविहत्ती २ २०४. सुक्क० सव्वत्थोवा लोभसंजल० अविह० । मायासंज० अविह० विसे० । माणसंज० अवि० विसे० । कोधसंज० अविह० विसेसा० । पुरिस० अविह० विसे० । छण्णोक० अविह० विसे० । इत्थि० अविह० विसे० । णस० अविह० विसेसा० । अष्टक० अविह० विसे । मिच्छत्त० अविह० असंखेजगुणा। सम्मामि० अविह० विसे० । सम्मत्त० अविह० विसे० । अणंताणु० चउक्क० अविह० संखेजगुणा । तस्सेव विह. संखेजगुणा । एवं विवरीदकमेण सेसाणं विसेसाहियत्तं वत्तव्वं । अभवसिद्धि०-सासण. णत्थि अप्पाबहुगं ।
२०५. सम्मादिहिसु सव्वत्थोवा अणंताणु० चउक्क० विह० । मिच्छत्त० विह० विसे । सम्मामि० विह० विसे० । सम्मत्त० विह० विसे । अहक विह. विसे । एवं जाव लोभ० विहत्तिओ त्ति विसे । तस्सेव अविह० अणंतगुणा । मायासंजल.
६२०४.शुक्ललेश्यावाले जीवोंमें लोभसंज्वलनकी अविभक्तिवाले जीव सबसे थोड़े हैं । इनसे मायासंज्वलनकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं । इनसे मानसंज्वलनकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं । इनसे क्रोधसंज्वलनकी अविभक्तिवाले जीव विशेषअधिक हैं । इनसे पुरुषवेदकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे छह नोकपायोकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे स्त्रीवेदकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे नपुंसकवेदकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे आठ कषायोंकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं । इनसे मिथ्यात्वकी अविभक्तिवाले जीव असंख्यातगुणे हैं । इनसे सम्यग्मिथ्यात्वकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे सम्यक्प्रकृतिकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी अविमक्तिवाले जीव संख्यातगुणे हैं । इनसे उसीकी विभक्तिवाले जीव संख्यातगुणे है। इसी प्रकार आगे विपरीतक्रमसे शेष प्रकृतियोंकी विभक्तिवाले जीवोंको उत्तरोत्तर विशेषाधिक कहना चाहिये ।
अभव्य जीव और सासादन सम्यग्दृिष्टि जीवोंके अल्पबहुत्व नहीं है क्योंकि वे सब जीव क्रमसे छब्बीस और अट्ठाईस प्रकृतियोंकी विभक्तिवाले ही होते हैं।
$२.०५. सम्यग्दृष्टि जीवोंमें अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी विभक्तिवाले जीव सबसे थोड़े हैं । इनसे मिथ्यात्वकी विभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे सम्यग्मिथ्यात्वकी विभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं । इनसे सम्यक्प्रकृतिकी विभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं। इनसे आठ कषायोंकी विभक्तिवाले जीव विशेष अधिक हैं । आगे इसी प्रकार लोभसंज्वलनकी विभक्तिवाले जीवों तक विशेष अधिक कहना चाहिये। लोभसंज्वलनकी विभक्तिवाले जीवोंसे उसीकी अविभक्तिवाले जीव अनन्तगुणे हैं। इनसे मायासंज्वलनकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक है। इनसे मानसंज्वलनकी अविभक्तिवाले जीव विशेष अधिक है। इनसे
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