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________________ पृष्ठ नं. ४४८ ४४९ ४५० ४५२ ४५४ सत्परूपणा-आलापसूची विषय नकशा नं. पृष्ठ नं. विषय नकशा नं. ओघ आलाप आदेश आलाप सामान्य ४१५ १ गतिमार्गणा पर्याप्त ४२० १ नरकगति अपर्याप्त सामान्य १ मिथ्यादृष्टि पर्याप्त सामान्य ४२३ अपर्याप्त पर्याप्त ४२४ मिथ्यादृष्टि अपर्याप्त ४२५ सामान्य -२ सासादनसम्यग्दृष्टि पर्याप्त सामान्य ४२६ अपर्याप्त पर्याप्त ४२६ सासादनसम्यग्दृष्टि ३४ अपर्याप्त ४२७ सम्यग्मिथ्यादृष्टि ३५ ३ सम्यग्मिथ्यादृष्टि ४२८ असंयतसम्यग्दृष्टि ४ असंयतसम्यग्दृष्टि सामान्य सामान्य पर्याप्त पर्याप्त ४२९ अपर्याप्त अपर्याप्त प्रथमपृथिवी ५ संयतासयत सामान्य ३९ ६ प्रमत्तसंयत्त ४३२ पर्याप्त ७ अप्रमत्तसंयत ४३३ अपर्याप्त ८ अपूर्वकरण ४३४ मिथ्यादृष्टि ९ अनिवृत्तिकरण सामान्य प्रथम भाग पर्याप्त ४३ द्वितीय ,, ४३६ अपर्याप्त ४४ ४३६ सासादनसम्यग्दृष्टि ४५ चतुर्थ ,, ४३७ सम्यग्मिथ्यादृष्टि ४ ४३८ असंयतसम्यग्दृष्टि१० सूक्ष्मसाम्पराय ४३८ सामान्य ११ उपशान्तकषाय पर्याप्त १२ क्षीणकषाय ४४० अपर्याप्त १३ सयोगिकेवली द्वितीयपृथिवी १४ अयोगिकेवली सामान्य १५ सिद्ध ... ..४४७ पर्याप्त ३८ FFFFFFFFEEEEEEEEEEEEEET ४५६ ४५७ ४५८ ४३५ ४५९ तृतीय, ४६१ पंचम , ४६२ २३ ४३९ ४६४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001396
Book TitleShatkhandagama Pustak 02
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1940
Total Pages568
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size12 MB
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