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________________ विषय-सूची - पृष्ठ ५७-७४ ७४-७६ ७४ ७४-७६ ७६-७६ ७६-८१ ७६.८० ८०-८१ ८१-८२ ८१ ८१-८२ ८२ ८३-८७ विषय मंगलाचरण अनुभागबन्ध के दो भेदों का नामनिर्देश १ मूलप्रकृति अनुभागबन्ध १-१८० मूलप्रकृति अनुभागबन्ध के दो भेद १-२ निषेकप्ररूपणा स्पर्धकप्ररूपणा चौबीस अनुयोगद्वार ३-१२३ संज्ञाप्ररूपणा संज्ञाप्ररूपणा के दो भेद घातिसंज्ञा स्थानसंज्ञा सर्व-नोसर्वबन्धप्ररूपणा उत्कृष्ट अनुत्कृष्टबन्धप्ररूपणा जघन्य अजघन्यबन्धप्ररूपणा सादि-अनादि-ध्रुव-अध्रुवबन्धप्ररूपणा स्वामित्वप्ररूपणा ६-२५ स्वामित्व के तीन अनुयोगद्वार प्रत्ययानुगम विपाकदेश प्रशस्ताप्रशस्तप्ररूपणा स्वामित्व के दो भेद उत्कृष्ट स्वामित्व ७-१७ जघन्य स्वामित्व १७-२५ कालप्ररूपणा २६-४३ काल के दो भेद २६ उत्कृष्ट काल २६-३४ जघन्य काल ३४-४३ अन्तरप्ररूपणा ४४-७४ अन्तर के दो भेद उत्कृष्ट अन्तर ४४-५७ GGGmmcccxcwwWWWWW विषय जघन्य अन्तर सन्निकर्षप्ररूपणा सन्निकर्ष के दो भेद उत्कृष्ट सन्निकर्ष जघन्य सन्निकर्ष नाना जीवों की अपेक्षा भंगविचय उत्कृष्ट भंगविचय जघन्य भंगविचय भागाभागप्ररूपणा भागाभाग के दो भेद उत्कृष्ट भागाभाग जघन्य भागाभाग परिमाणप्ररूपणा परिमाण के दो भेद उत्कृष्ट परिमाण जघन्य परिमाण क्षेत्रप्ररूपणा क्षेत्र के दो भेद उत्कृष्ट क्षेत्र जघन्य क्षेत्र स्पर्शनप्ररूपणा स्पर्शन के दो भेद उत्कृष्ट स्पर्शन जघन्य स्पर्शन कालप्ररूपणा काल के दो भेद उत्कृष्ट काल जघन्य काल अन्तरप्ररूपणा अन्तर के दो भेद उत्कृष्ट अन्तर ८३-८५ ८५-८७ ६७-६१ ८७ ८७-८८ ८६-६१ ६१-१०६ ६१ ६१-१०० १००-१०६ १०१-११६ १०१ १०१-११४ ११४-११६ ११६-१२० ४४ ११६ ११६-११८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001391
Book TitleMahabandho Part 4
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1999
Total Pages454
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size11 MB
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