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महाबंधे
खेज० । देवायु-बंधगा जीवा असंखेज० । तिरिक्खायुबंधगा जीवा असंखेज० । चदुण्णं आयुगाणं बंधगा जीवा विसेसा० । अबंधगा जीवा संखेजगुणा । सव्वत्थोवा चदण्णं गदीणं अबंधगा जीवा.। देवगदि बंध० जीवा असंखेज। णिरयगदि-बंधगा जीवा संखेजगु० । मणुसगदिबंधगा जीवा असंखेज । तिरिक्खगदिबंधगा जीवा संखेजः । सव्वत्थोवा आहारस० बंध० जीवा । पंचण्णं सरीराणं अबंधगा जीवा संखेज्जगुणा । वेउवि० बंध० जीवा असंखेजगुणा। ओरालि. बंध० जीवा असंखेजगुणा । तेजाकम्मइ-बंधगा जीवा विसेमाहिया। आहार अंगो० बंधगा जीवा थोवा । वेउब्बि० अंगो० बंधगा जीवा असंखेज । ओरालि० अंगो० बंधगा जीवा असंखेज० । तिण्णं अंगोवंगाणं बंधगा जीवा विसेसाहिया । अधगा जीवा संखेजगुणा। गदिभंगो आणुपुव्वीए।
३१०. पंचिंदिय पज्जत्तगेसु-एसेव भंगो। गवरि आयु. पंचिंदिय-तिरिक्खपज्जत्तभंगो। चदुगदिअबंधगा जीवा थोवा । देवगदिबंधगा जीवा असंखेजगुणा । मणुसगदिबंधगा संखेजगुणा । तिरिक्खगदिबंधगा जीवा संखेजगुणा (?) णिरयगदिबंधगा जीवा संखेजगुणा । चदुण्णं गदीणं बंधगा जीवा विसेसा० । पंचजादीणं अवंधगा जीवा थोवा । चदुरिंदियबंधगा जीवा असंखेजगुणा । तीइंदि० बंध० जीवा संखेज० ।
__ मनुष्यायुके बन्धक जोव स्तोक हैं । नरकायुके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं । देवायुके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं । तिर्यंचायुके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। चारों आयुओंके बन्धक जीव विशेषाधिक हैं । अवन्धक जीव संख्यातगुणे हैं।
४ गतिके अबन्धक जीव सर्व स्तोक हैं। देवगतिके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। नरकगतिके बन्धक जीव संख्यातगुणे हैं। मनुष्यगतिके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। तिर्यंचगतिके बन्धक जीव संख्यातगुणे हैं। आहारक शरीर के बन्धक जीव सर्व स्तोक हैं। पाँचों शरीराके अबन्धक जीव संख्यातगुणे हैं। वैक्रियिक शरीरके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। औदारिक शरीरके बन्धक जीव असंख्यात गुणे हैं। तैजस, कार्मण के बन्धक जीव विशेषाधिक हैं। आहारक अंगोपांगके बन्धक जीव सर्व स्तोक हैं। वैक्रियिक अंगोपांगके बन्धक जीव असंख्यात गुणे हैं। औदारिक शरीर अंगोपांगके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। तीनों अंगोपांगके बन्धक जीव विशेषाधिक है। अबन्धक जीव संख्यातगुणे हैं। आनुपूर्वीमें गतिके समान भंग जानना चाहिए।
३१०. पंचेन्द्रिय पर्याप्तकों में ऐसे ही (पंचेन्द्रिय समान ) भंग जानना चाहिए । विशेष यह है कि आयुके बन्धक जीवोंमें पंचेन्द्रिय तिर्यच पर्याप्तकके समान भंग करना चाहिए। चारों गतिके अबन्धक जीव स्तोक हैं । देवगतिके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। मनुष्यगतिके बन्धक जीव संख्यातगुणे हैं। तियंचगतिके बन्धक जीव संख्यातगणे हैं। नरकगतिके बन्धक जीव संख्यात गुणे हैं। चारों गतिके बन्धक जीव विशेषाधिक हैं। पाँचों जातिके अबन्धक जीव स्तोक हैं। चौइन्द्रिय जातिके बन्धक जीव असंख्यात गुणे हैं। त्रीन्द्रिय जातिके बन्धक जीव संख्यात गुणे हैं। दो इन्द्रिय जातिके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं।
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