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जिन्होंने अनेक प्राकृत ग्रन्थों की रचना की जिन्होंने मुझे प्राकृत पढने की प्रेरणा दी, उन परमपूजनीय सिद्धान्तमहोदधि प्राकृत
विशारद आचार्य भगवंत श्रीविजयकस्तूरसूरीश्वरजी को उनकी जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में
समर्पित
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