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Corrigenda
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read गोचपणा गयवइमाय० of the earth काशकार : [3A [3B] विज्जुतत्तथा गगनाक्षि गगनमेवा[4BIभि तस्य कालिकानीलीपिहिततारस्य गगनाक्षिणो उज्जेाइय पुनः[5A) पायाला मालङ्कारः ।। प्रतिपादन (5B) निविध्नद(9Aशन सभा(10A)या because 'प(11A)यएण' (51)तइयच्छि तरुण-ज(11Bणयुना(12A)हे फलस्मि(12B) पओहर
357 36 11 38 20 39 17 40 14 41 - 25 43 13
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484 517 646 649
कड्य कहा (13Bणय 'वावडच्छि' त्ति कोव बिसूरसि चिन्तितव्ये
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