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सत्य धर्मना जावे तर्ज-(पंजाबी ) मेरा रंग दे बसन्ती चौला सर जावे तो जावे-मेरा सत्य धर्म ना जावे ॥ध्र. १ सत्य की खातिर वीर कष्ट सह भारत प्राण बचावे, २ सत्य के खातिर खुश हो सीता कूद अगनिवीच जावे । ३ सत्य के खातिर सेठ सुदर्शन, सूली पर चढ़ जावे। ४ सत्य के खातिर राय युधिष्ठिर राज छोड़ बन जावे। ५ सत्य की खातिर हरिचन्द्र राजा, भंगी के विक जावे। ६ सत्य की खातिर खंदक मुनिवर तनकी खाल उतरावे। ७ सत्य की खातिर निकलंक अपना, सीस सहर्ष कटावे ॥ ८ सत्य धर्म से कभी न मेरा चित्त यह डिगने पावे । है सत्य धर्म धारण करने से अमर अमर हो जावे।
चातुर्मास १९८७ हिसार
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