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५२. ६. ६ ] कहकोसु
[ ५२३ एक्कहिँ दिणम्मि गरहिय वरेण
थिय रोसु धरेप्पिणु सा भरेण । तह वयणे मेहुणसमप्र तेण
हउ वुड्दु वंकनामकरण । मुउ मोहवसें पइदोहियाहे
संकमिउ गर्भ तक्खणण ताहे । मालोयहो केरिसु कम्मभाउ
भत्तारु वि होतउ पुत्तु जाउ । सुमरेप्पिणु चिरिभउ पालसेण
अच्छइ सया वि चिंतावसेण । १० पालसिउ मुणेप्पिणु दुम्मई
कोक्कि उ सो अलसकुमारु तीण। घत्ता-सुप्पहमहएविहि तणउ कीलावत्तु नामु विक्खायो।
हारु वणहो कोलहुँ गयहे तुट्टेप्पिणु विसंचु सजायो ॥४॥
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दुवई–पहुवयणेण सव्वसुन्नारहिँ वरचित्तु व वियक्कियो।
मंदमइहिँ सुवन्नरयणुज्जलु नउ मेल्लवहुँ सक्कियो ।। ता राउलु गंपिणु मइसारें
हारु समारिउ अलसकुमार। कहिँ पइँ तूर्सेवि विहुणा भाणिउ
सुय सुदिट्ठिविन्नाणु वियाणिउ । कहिउ तेण सो हउँ अवयरियउ
निरवसेसु वइयरु वित्थरियउ । तं निसुणेवि निदियसंसार
लइय दिक्ख राएँ परिवारें । पिहियासवु नामें मुणि महियउ
केहिँ वि सावयवउ संगहियउ । सुहमइ भवनिव्वेएँ लइयउ
अलसकुमारु वि तहिँ पव्वइयउ । गउ सउरीपुरवरु विहरंतउ
तहिँ तणमणिरिउसुहिसमचित्तउ । धणयदिसिहि देवासुरपुज्जिउ
कालिंदीतडे कम्मविवज्जिउ । उप्पाएवि नाणु अजरामरु
हुउ परमेसरु परमप्पउपरु । पत्ता-विसम सुठ्ठ संसारगइ विप्पु वि पाणु होवि उप्पज्जइ ।
अग्गिभूईमरुभूइकह एत्थ अत्थि लोयहाँ पयडिज्जइ ।।५।।
१०
दुवई-लहेवि महंतु किं पि कारणु मुणि वयभंगाइ नीरया ।
मरणहिँ गिद्धपुट्ठपमुहेहिँ वि के वि मरंति धीरया ।। कोल्लइरि आसि
पुरि पुत्तरासि ववगयदुरीहु
मुणि वम्मसीहु । सुविसुद्धबुद्धि
सइँ करेवि सुद्धि । मरणेण गिद्ध
पुढेण सिद्ध।
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