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संधि ३७
धुवयं-जइणीसंसग्गेण सयडु चरित्तो भट्ठउ ।
__ कुच्चवारु मुणि तेम वेसहि लग्गेवि नट्ठउ ।। सुम्मउ सयडनामु विहरंतउ
मुणि कोसंबीपुरु संपत्तउ । थेरु णवइवरिसिउ गयदंतउ
घरे घरे आहारत्थु भमंतउ । पहसमसमियउ पालिय निट्ठउ
जइणिहे केरइ भवर्ण पइट्ठउ । ५ बुड्डइ मुक्खतिसाण करालिउ
ताण असीवरिसियइ निहालिउ । उद्देवि कयकरुणाग खडाविउ
रोडिग जं घर तं भुंजाविउ । रिसि भुत्तंतरे लद्धसुहच्छिउ
गोट्ठि करंतिण थेरिण पुच्छिउ । भयवं किं निमित्तु वइरायो
घोरवीरतवचरणहो आयो । एउ सुणेवि पयंपइ सुव्वउ
साविण महु तवकारणु सुव्वउ । १० घत्ता-इत्थेव य नयरम्मि सोमसम्मु नामें दिउ ।
होतउ सोत्तिउ सुट्ठ गुणे वीणाबंभणिपिउ ॥१॥
नंदणु सयडु नामु तो जायउ बंभणकन्ना नामें रोहिणि सा' सइ महुँ पडिहासइ चित्तो तहे' सोएण सुठ्ठ निम्विन्नउ बहुकालें महियले विहरेप्पिणु तुहुँ का को उवाउ निव्वाहहो एत्थु जे पुरि पालियछक्कम्मउ तहो सोमिल्ला पाणपियारी जइणी नामें रूवरवन्नी दिन्न विवाहहुँ संकरनामहो २. १ सो। २ तहो।
हउँ सो सव्वसत्थनिम्मायउ । परिणिय मइँ चंदेण व रोहिणि । एक्कहिँ वासरे गय पंचत्तहो । दइगंबरिय दिक्ख पडिवन्नउ । प्राइउ जम्मभूमि सुमरेप्पिणु। ५ पुच्छिय कहइ थेरि तवराहहो । होतउ भट्टपुत्तु सिवसम्मउ । भज्ज मणोज्ज सइत्तणसारी । हउँ तहे तणुय' उयरे उप्पन्नी । बप्पें विप्पसुयो अहिरामो । १०
३ तणुए।
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