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२५
)
१.१ ४१.१ पिनकगंध वणिक् धन लोभ से मृत्यु
,
१०४
ह. क. में १०३ वीं कथा अचुकारिका की सूची मात्र है, क्योंकि वह पहले आ चुकी है।
धनलोभ
१०५
१४३ ४२,१ १४४ ४३,१
फडहस्तक सेठ मेदार्य मुनि उग्रसेन-वसिष्ठ लक्ष्मीमती
निदान से अनिष्ट मान के कुफल
,
१०८ ह. क. में १०७ वें
क्रमांक पर सागरदत्त कथा है जो
यहां नहीं हैं। १०६
११२
१४५ ४३,४ चित्र-संभूत निदान का कुफल १२८२ १४६ ४३,६ पुष्पदन्ता रानी मायाचारी का
कुफल १४७ ४३,८ मरीचि
मिथ्यात्व १४८ ४३,१० गारुडिक प्रगन्धन मर्यादा का अभंग
सर्प (कुलजात) १४६ ४३,१४ गंधमित्र
घ्राणेन्द्रिय दोष १५० ४३,१६ पांचाल-गंधर्वदत्ता कर्णेन्द्रिय दोष १५१ ४३,२० भीम नृप जिह्वेन्द्रिय दोष १५२ ४३,२२ भद्रमित्र नयनेन्द्रिय दोष १५३ ४४,१ नागदत्ता
स्पर्शेन्द्रिय दोष १५४ ४४,४ द्वीपायन
क्रोधकषाय दोष १५५ ४४,८ सगरपुत्र १५६ ४४,१० कुम्भकार
माया , १५७ ४४,१२ मृगध्वज
लोभ , १५८ ४४,१७ कार्तवीर्य १५६ ४५,१ शीलसेन्द्र नृप क्षुधा परीषह
(नीलसिंह) जय
११८ ११६
मान ॥
१२१ १२२ १२४ ह. क. में १२३
क्रमांक की सिंहकेसर कथा यहां
नहीं है। १२६ ह.क. में १२५ क्र.की
शिवभूति कथा यहां नहीं है।
१६० ४५,३ अवन्ति सुकुमाल परीषह-जय
मुनि
॥
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