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२०. १७. ६ ], कहकोसु .
[ २२३ अहिसिंचिवि होइवि रायसिरि . सहुँ बहुनिवेहिँ गउ गहणगिरि । संजायउ संजउ नीरयइं
पणविप्पिणु सीलगुत्तपयइं। कालेणाराहिवि पंचगुरु
गउ अच्चुयसग्गहो जाउ सुरु । घत्ता-सा दुग्गंधिणि वणितणय कालु करेवि किलेसविणासहो । १५
हुय महएवि पहाण तुह अइसएण रोहिणिउववासहो ।।१५।।
गाहा-विज्जप्पहाण जाणो देवीए वीदसोगरायस्स।
पुत्तो असोयनामो सग्गाउ चुदो तुमं एत्थ ।। पंचूणसट्ठिपल्लाउखए
कंता वि तुज्झ अंगाविसए । चंपापुरम्मि परमेसरहो
नामें मघवंतनरेसरहो। सिरिमइमहएविण संजणिया
सा रोहिणि नाम एह भणिया। ५ महएवि तुहारी हंसगइ
सुणु पुत्तहंड जम्मइँ निवइ । महुरापुरि वइरिसिरीहरहो
रायहीं नामेण सिरीहरहो। बहुगुणु अग्गासणभोयणिउ
सोत्तिउ सिहिसम्मु नाम भणिउ । कंता सत्त तो अग्गिलए
संजाया नंदण निम्मलए। सिहिसिरिमरुभूइपहूइ वरा
चउदहविहविज्जाथाणधरा । १० ते पुण्णहीण दोग्गच्चहया
अत्यत्थिय पाडलिपुरहो गया। घत्ता-सुपइट्टो पुहईसरहो महएवी सुरूवउ जायउ । नंदणु नामें सीहरहु सीहु व विक्कमेण विक्खायउ ॥१६॥
१७ गाहा-तत्थेव रायउत्तेण पुत्तिया विगदसोग नामेणं ।
___ सिंहरहस्स विइन्ना कमला कमल व्व पच्चक्खा ॥ सविहूइश रंजियजणमणउ
परिणयणनिहाणु ताई तणउ । आलोवि संपयसोक्खचुया
गय परमविसायहरे विप्पसुया । हा पुन्वभवे भो सव्वहिउ
अम्हेहिँ न सुक्किउ कम्मु किउ। ५ पुण्णेण कलत्तु पुत्तु विहिउ
पाविज्जइ अवरु वि जं सुहउ । जणनिंदणिज्जु दुक्खइँ सहइ
भिक्खा वि न पुण्णहीणु लहइ । इय चितिवि निव्वेएण गुणी
हुय सत्त वि जण निग्गंथ मुणी । चिरु तउ चरेवि निद्धयरया
कालेण सग्गु सोहम्मु गया।
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