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जब बोलो तब कम ही बोलो, बिन अवसर मत मुँह खोलो।
जब बोलो तब मीठा बोलो, कभी न कुछ भी कडुआ बोलो।
कभी किसी का भेद न खोलो, घर की बात न बाहर बोलो।
द्वेष, कपट रख कभी न बोलो, निन्दा, चुगली का मल धोलो।
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