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कारण उस रात को रोशनी की और भगवान के
मोक्ष पाने के बाद अगले वर्ष, निर्वाण की स्मृति ___ में उन्होंने भारी समारोह मनाया और खूब रोशनी की।
बस, तभी से सब लोग प्रतिवर्ष कार्तिक कृष्णा अमावस्या को दिवाली मनाने लगे। व्यापारी लोग दिवाली से ही अपना नया साल मानते हैं। वे इस दिन अपने बहीखाते भी बदलते हैं। दिवाली से ही वीर सम्वत् बदलता है। इसे महावीर सम्वत् भी कहते हैं। बहुत से व्यापारी अपने बहीखातों पर महावीर सम्वत् डालते हैं। जैसे ईसा के नाम पर ईस्वी सन् चलता है, इसी तरह महावीर भगवान् के नाम पर महावीर सम्वत् या वीर सम्वत् चलता है।
बहुत से बच्चे दिवाली के दिन पटाखे वगैरह चलाते हैं। इससे कई बार आग लग जाती है। कई बच्चों को चोट भी आ जाती है। इसलिए पटाखे, बम, चटचटिया-ये सब नहीं बलाने चाहिए।
कुछ लोग दिवाली की रात को जुआ खेलते हैं। जुआ से बड़ी हानियाँ होती हैं। जुआ से नल,
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