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________________ Jain Education International २८. ॐ श्री राज जीवित समयसाराय नमः । २९. ॐ श्री राज ज्योतिर्धराय नमः । ३०. ॐ ३१. ॐ ३२. ॐ श्री राज तरणतारणे नमः । ३३. ॐ श्री राज त्यागिने नमः । ३४. ॐ श्री राज दिननाथाय नमः । ३५. ॐ श्री राज दिव्यर्वष्ट्रे नमः । ३६. ॐ श्री राज दीननाथाय नमः । ३७. ॐ श्री राज देवाधिदेवाय नमः । ३८. ॐ श्री राज धीराय नमः । ३९. ॐ श्री राज धर्ममूर्त्तये नमः । ४०. ॐ श्री राज निर्ग्रथाय नमः । ४१. ॐ श्री राज निर्विकल्पाय नमः । ४२. ॐ श्री राज निर्विकाराय नमः । ४३. ॐ श्री राज निरागीने नमः । ४४. ॐ श्री राज निरालम्बाय नमः । ४५. ॐ श्री राज निःस्पृहाय नमः । ४६. ॐ श्री राज नीरागिने नमः । ४७. ॐ श्री राज परमकृपालवे नमः । ४८. ॐ श्री राज परमगुरवे नमः । ४९. ॐ श्री राज परम पुरुषाय नमः । ५०. ॐ श्री राज परम श्रद्धेयाय नमः । ५१. ॐ श्री राज परमात्मने नमः । ५२. ॐ श्री राज परमेश्वराय नमः । ५३. ॐ श्री राज पवित्राय नमः । ५४. ॐ श्री राज पुण्यश्लोकाय नमः । श्री राज तत्त्वलोचनदायकाय नमः । श्री राज तत्त्वज्ञानिने नमः www.jainelibrary.org
SR No.001330
Book TitleRajchandra Nirvan Shatabdi Smaranika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahaj Shrut Parab Rajkot
PublisherSahaj Shrut Parab Rajkot
Publication Year2001
Total Pages262
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Articles, & Rajchandra
File Size39 MB
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